
हाथरस से एक बार फिर दिल दहला देना वाला और दर्दनाक मामला सामने आया है। दरअसल, भगदड़ मचने से हुई सवा सौ मौतों के पीछे सत्संग स्थल पर बनाई गई वह ‘रंगोली’ है। जानकारी के मुताबिक, हर सत्संग में नारायण साकार उर्फ भोले बाबा के रास्ते में तकरीबन 200 मीटर की रंगोली बनाई जाती है। जानकारों का कहना है कि यह रंगोली भोले बाबा के जाने का रास्ता होता है। भक्तों की यह मान्यता है कि जब भोले बाबा इस रंगोली से चलकर निकल जाते हैं तो यह रंगोली बेहद पुण्य हो जाती है। भोले बाबा के कार्यक्रम में शामिल हाथरस में मिले देवतादीन का कहना था कि इस रंगोली के बुरादे को लोग दंडवत प्रणाम करते हैं और उसका थोड़ा हिस्सा अपने घर ले जाते हैं। वह कहते हैं कि मान्यता है कि इस बुरादे से भूत प्रेत का डर नहीं सताता और घर में बीमारियां भी दूर होती हैं।
इस घटना के बाद लोकल इंटेलीजेंस यूनिट की रिपोर्ट के मुताबिक जब भोले बाबा इस रंगोली से गुजरे तो हजारों की संख्या में लोग रंगोली को दंडवत करने के लिए पहुंच गए और लोकल इंटेलीजेंस यूनिट की टीम ने यह भी बताया की बाबा के निकलने के बाद उनकी रंगोली पर टूटे हुए लोग एकदम बेकाबू हो गए और एक दूसरे के ऊपर निकलते हुए चले गए।
कार्यक्रम में देवतादीन की बहू शांति भी उनके साथ शामिल थी। उनका कहना हैं कि इससे पहले 2019 में भी हाथरस में इतनी ही भीड़ वहां पर मौजूद थी। हालांकि, उस वक्त वहां पर किसी तरीके की कोई भी बड़ी घटना तो नहीं हुई, लेकिन वह कहते हैं कि लाखों की भीड़ को संभालने के लिए जो बंदोबस्त होने चाहिए वह न पहले पर्याप्त थे और न ही इस बार पर्याप्त थे। लोकल इंटेलीजेंस यूनिट (एलआईयू) का कहना है की कार्यक्रम में एक लाख के करीब भीड़ पहुंची थी और जानकारी के मुताबिक भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बाबा के सेवादार उन प्रमुख स्थानों पर थे जहां पर भीड़ अनियंत्रित होनी शुरू हुई। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि बाबा को पिछले दरवाजे से निकाल दिया गया लेकिन उनकी रंगोली के चक्कर में सवा सौ लोगों की मौत हो गई।
स्थानीय पुलिस के मुताबिक रंगोली के बुरादे से रंगोली लेने की जानकारी न तो प्रशासन को दी गई थी और ना ही पुलिस को दी गई थी। भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मच गई थी। स्वयंसेवकों ने लाठी डंडों से भीड़ को धकियाकर रोकने और बाबा के काफिले की चरण धूल लेने की होड़ के बीच कुछ महिलाएं गिर पड़ी और स्वयं सेवकों ने उन्हें धकेला तभी वहां भगदड़ मच गई और गिरे लोगों के ऊपर पीछे से आ रहे लोग उन्हें कुचलते गए। इस भगदड़ के दौरान काफी संख्या में लोग एनएच के सहारे एक कीचड़युक्त खेत में गिर गए और उनके ऊपर से भी लोगों की भीड़ गुजरती चली गई।