
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने 5 महीने तक जेल में रहने के बाद अब बहार आने पर CM पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने रविवार को आम आदमी पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया। इसके बाद सियासत गरमा गई। CM केजरीवाल ने कहा, ‘दो दिनों के बाद वे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। विधायकों की बैठक में नया मुख्यमंत्री चुना जाएगा।’
इससे पहले भी केजरीवाल ने 2013 में 49 दिन सीएम रहने के बाद इस्तीफा दे दिया था और 2015 विधानसभा में इसका फायदा भी उनको हुआ। 2015 में दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में ‘आप’ को 70 में से 67 सीटों पर जीत मिली। इसके बाद 2020 के विधानसभा चुनाव में 70 में से 62 सीटें आम आदमी पार्टी को मिली।
अब केजरीवाल का इस्तीफा कई सवालों की ओर इशारा कर रहा है। दरअसल, दिल्ली में आने वाले दिनों में विधानसभा चुनाव होने हैं। राजनीतिक पंडित के इस इस्तीफे को चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि इस्तीफे से छवि को मजबूत बनाने की रणनीति है और शराब घोटाले का दाग धोने की कोशिश। माना जा रहा है कि सहानुभूति हासिल कर पार्टी कैडर में जोश भरने के लिए केजरीवाल ये दाव चल दिया है।
केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी ने मुझ पर बेईमानी, भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। अब जनता की अदालत में मेरी ईमानदारी का फैसला होग। दो-तीन दिन में विधायकों की बैठक में नया मुख्यमंत्री चुना जाएगा। चुनाव तक मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। मनीष सिसोदिया भी कोई पद नहीं लेंगे। ऐसे में अब सवाल है कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा।
केजरीवाल के बाद कौन?
सियासी गलियारों में यह चर्चा आम है कि आतिशी मुख्यमंत्री बन सकती हैं।अरविंद केजरीवाल-मनीष आतिशी पर काफी भरोसा करते हैं। आतिशी AAP का शिक्षित और युवा चेहरा तेजतर्रार छवि की है और महिला मतदाताओं को चुनाव में प्रभावित कर सकती है। अफसरों से काम करवाने में दक्ष आतिशी वित्त, शिक्षा, PWD, पानी-बिजली जैसे अहम विभाग मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद संभाल ही रही थी।