Shani Sade Sati: 30 साल बाद अपनी राशि में लौटेंगे शनिदेव, जानें किन राशियों पर होगा शनि का प्रकोप

शनिदेव (Shani Dev) 30 साल बाद अपनी कुंभ राशि में प्रवेश कर रहे हैं। यहां शनि 2025 तक विराजमान रहेंगे। शनि के राशि परिवर्तन की वजह से जहां कुछ राशियों पर साढ़े साती और ढैय्या (Shani Sade Sati and Dhaiya) शुरू होगी। वहीं, कई राशियों पर से साढ़े साती और ढैय्या खत्म भी हो जाएंगी। शनि के इस राशि परिवर्तन से मेष, वृषभ व धनु वालों को लाभ भी मिलेगा। जिसका सबसे ज्यादा लाभ कुंभ को मिलेगा।
शनि की साढ़े-साती और ढैया दोनों में ही रिश्ते से लेकर मान-सम्मान और धन की हानि होती है। ऐसें में शनिदेव की कुदृष्टी से बचने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जाने जरूरी है। बता दें कि शनि की साढ़े-साती सात साल की और ढैया ढाई साल की होती है। इस पूरे काल में मनुष्य को न केवल शनिदेव बल्कि बजरंगबली की पूजा भी जरूर करनी चाहिए. तो चलिए जानें नए साल में किन राशियों को शनि का प्रकोप झेलना होगा। अभी शनि ग्रह मकर राशि में हैं लेकिन 17 जनवरी 2023 को जब वह अपनी स्थिति में परिवर्तन करेंगे। तो कुछ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव शुरू हो जाएगा। 17 जनवरी से पांच राशियों के भारी दिन शुरू होंगे।
जानें किस पर पड़ेगा शनि का प्रभाव
शनि की साढ़ेसाती 17 जनवरी 2023 से कुंभ (Aquarius), मीन (Pisces) और मकर (Capricorn) राशि पर शुरू हो जाएगी। वहीं, शनि की ढैय्या कर्क (Cancer) और वृश्चिक (Scorpio) राशि पर शुरू होगी। साथ ही तुला (Libra) और मिथुन (Gemini) राशियों को शनि की ढैय्या से मुक्ति भी मिल जाएगी और धनु (Sagittarius) राशि के जातकों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी।
शुरू होगा साढ़े साती का दूसरा चरण
शनिदेव का कुंभ राशि में यह प्रवेश साढ़े साती का दूसरा चरण शुरू करेगा। ज्योतिष के अनुसार, साढ़े साती के दूसरे चरण को सबसे ज्यादा खतरनाक माना गया है। क्योंकि ये मानसिक, आर्थिक, शारीरिक तौर पर कष्ट देता है। शनि को कुंभ राशि का स्वामी होने के कारण उनके लिए यह समय उतना कष्टकारी नहीं रहेगा। बल्कि कुंभ राशि वालों को कुछ मामलों में शनि का यह आगमन लाभ ही देने वाला होगा। बता दें कि शनि साढ़े साती और ढैय्या के दौरान उन लोगों को ज्यादा कष्ट देते हैं। जिनकी कुंडली में शनि अशुभ हो या फिर जिनके कर्म ठीक न हों।
शनि के अशुभ असर को कम करने के लिए ये उपाय अपनाएं-
* हर शनिवार के दिन शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाएं।
* हनुमान जी की या भगवान शिव की पूजा करें।
* शनि के प्रभाव को कम करने के लिए पीपल और शमी वृक्ष की पूजा करें।
* आठ मुखी रुद्राक्ष पहनने से भी शनि दोष कम होता है।