NS Mormugao: भारतीय नौसेना को मिला Mormugao, जानें क्या है इसकी खासियत

भारतीय नौसेना को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने 18 दिसंबर को स्वदेश निर्मित P15B स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक युद्धपोत आईएनएस मोरमुगाओ (INS Mormugao) को समर्पित कर दिया। इस स्वदेशी गाइडेड-मिसाइल डिस्ट्रॉयर के मौजूद होने से भारत की समुद्री युद्ध शक्ति और अधिक बढ़ जाएगी। भारतीय नौसेना के मुताबिक, यह युद्धपोत रिमोट सेंसिंग डिवाइस, आधुनिक रडार व सतह से सतह पर वार करने वाली मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल जैसी हथियार प्रणालियों से लैस है।
जानें Mormugao नाम रखने की वजह
नौसेना ने कहा, कि इस युद्धपोत की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर और वजन 7,400 टन है। इसे भारत द्वारा निर्मित सबसे घातक युद्धपोतों में से एक गिना जा सकता है। मुंबई में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नौसेना डॉकयार्ड (Naval Dockyard) में पोत का जलावतरण करेंगे। मोरमुगाओ गोवा के पश्चिमी तट पर स्थित एक ऐतिहासिक बंदरगाह शहर का नाम है। इस मिसाइल विध्वंसक युद्धपोत का नाम उसी ऐतिहासिक बंदरगाह शहर के नाम पर रखा गया है। यह पोत पहली बार समुद्र में 19 दिसंबर 2021 को उतरा था। इसकी डिजाइन भारतीय नौसेना के स्वदेशी संगठन द्वारा तैयार की गई है। साथ ही इसका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने किया है। इस स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर के 75 प्रतिशत उपकरण और हथियार भारत में बनाए गए हैं। जहाज को चार शक्तिशाली गैस टरबाइन से ऊर्जा प्राप्त होगी। जिससे इसे 48 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार मिलेगी।
नौसेना (Navy) का कहना है, कि पोत की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को देश में ही विकसित किया गया है। इस युद्धपोत में रॉकेट लॉन्चर, टारपीडो लॉन्चर और एसएस डब्लू हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की गई है। 15वीं श्रेणी का दूसरा स्वदेशी स्टील्थ विध्वंसक मोरमुगाओ जहाज परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध के समय भी बचाव करने में सक्षम है। भारत समुद्री क्षेत्र में चीन की बढ़ती मौजूदगी को देखते हुए अपनी समुद्री क्षमता को बढ़ा रहा है।
नौसेना ने बताया, कि आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण के दृढ़ निश्चय के साथ भारतीय शिपयार्ड में 44 पोतों और पनडुब्बियों में से 42 का किया जा रहा है। इस तरह आत्मनिर्भर भारत के प्रयासों को आगे बढ़ाया जा रहा है।