राम मंदिर ट्रस्ट की त्रैमासिक बैठक : राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा सहित निर्माण कार्यों की प्रगति पर चर्चा
राम जन्मभूमि का परिसर अब अत्यंत विशाल हो चुका है, जिसे चारों दिशाओं में बनाए जा रहे भव्य प्रवेश द्वारों से सजाया जा रहा है।

अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की त्रैमासिक बैठक राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के आवास पर संपन्न हुई। इस बैठक में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा, निर्माण कार्यों की प्रगति और वित्तीय वर्ष 2024-25 के ऑडिट से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की गईं।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बैठक के बाद जानकारी दी कि 3 जून से 5 जून के बीच आयोजित राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन की तैयारी पूरी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण कार्य लगभग 90% पूरा हो चुका है और कार्य निर्धारित समय सीमा के भीतर संपन्न हो रहा है।
मंदिर परिसर हुआ अत्यंत भव्य
बैठक में बताया गया कि राम जन्मभूमि का परिसर अब अत्यंत विशाल हो चुका है, जिसे चारों दिशाओं में बनाए जा रहे भव्य प्रवेश द्वारों से सजाया जा रहा है।
मुख्य प्रवेश द्वार — बिरला मंदिर के सामने स्थित है। इसका नाम जगद्गुरु रामानंदाचार्य के नाम पर रखा जाएगा।
गेट नंबर 11 — इसका निर्माण प्रगति पर है, इसका नाम जगद्गुरु शंकराचार्य के नाम पर तय हुआ है।
उत्तर दिशा का गेट — जैन मंदिर के सामने स्थित गेट का निर्माण पूर्ण हो चुका है, जिसे जगद्गुरु रामानुजाचार्य के नाम पर नामित किया गया है।
गेट नंबर 3 — इसका नाम जगद्गुरु माधवाचार्य के नाम पर रखा जाएगा।
इन सभी नामों को ट्रस्ट की बैठक में सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान की गई।
वित्तीय और प्रशासनिक निर्णय
वित्तीय वर्ष 2024-25 को लेकर बताया गया कि यह 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगा। सभी खातों का ऑडिट अब सरकार द्वारा घोषित तिथि के अनुसार ही संपन्न किया जा रहा है।
राम मंदिर परिसर में बने वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य पूरा कर लिया गया है। इसके साथ ही प्रमुख ऋषियों की प्रतिमाएं और निषादराज, शबरी और अहिल्या की मूर्तियों की स्थापना भी हो चुकी है।
अन्य निर्माण कार्य
राम मंदिर के चारों ओर 4 किलोमीटर लंबी बाउंड्री वॉल बनाने का कार्य प्रस्तावित है, जिसे सुंदर और टिकाऊ बनाए जाने पर ट्रस्ट ने सहमति जताई है। इसके साथ ही एडिटोरियल भवन, विश्रामगृह और ट्रस्ट कार्यालय का निर्माण कार्य जारी है, जिसे पूरा होने में लगभग एक वर्ष का समय लगेगा।
ध्वजारोहण और अगली बैठक
बैठक में आगामी नवंबर माह में राम मंदिर परिसर सहित सभी मंदिरों में ध्वजारोहण कार्यक्रम आयोजित करने पर भी विचार हुआ। चंपत राय ने बताया कि मौसम की दृष्टि से यह समय उपयुक्त माना गया है।
इस बैठक में कुल 14 ट्रस्ट सदस्य शामिल हुए, जिनमें से 11 फिजिकली और 3 ऑनलाइन जुड़े। उत्तर प्रदेश सरकार के गृह सचिव भी चेन्नई से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक में शामिल हुए। कामेश्वर चौपाल की भूमिका को लेकर अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
तीन वरिष्ठ ट्रस्टियों का योगदान
बैठक के दौरान यह विशेष रूप से उल्लेख किया गया कि ट्रस्ट में शामिल तीन वरिष्ठ ट्रस्टी — महंत नृत्य गोपाल दास, परमानंद जी महाराज और जगद्गुरु शंकराचार्य — जो 1984 से राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे हैं, उनके आशीर्वाद और प्रेरणा से निर्माण कार्य तेज़ी से प्रगति पर है। राम मंदिर ट्रस्ट की अगली बैठक सितंबर माह में आयोजित की जाएगी।