
इंदौर/शिलांग/गाजीपुर। इंदौर के नवविवाहित राजा रघुवंशी हत्याकांड ने देशभर को झकझोर दिया है। शादी के महज 12 दिन बाद हनीमून पर गए राजा की हत्या की गुत्थी अब सुलझ गई है और इस हत्या के पीछे कोई और नहीं बल्कि उनकी पत्नी सोनम रघुवंशी निकली, जिसे उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले से गिरफ्तार कर लिया गया है।
हत्या की पूर्व नियोजित साजिश का पर्दाफाश
मेघालय पुलिस के डीजीपी आई नोंगरांग ने पुष्टि की है कि जांच के दौरान गिरफ्तार किए गए तीनों हमलावरों ने खुलासा किया है कि सोनम ने ही उन्हें पैसे देकर राजा की हत्या के लिए सुपारी दी थी। इस चौंकाने वाले खुलासे के बाद यह साफ हो गया है कि यह डकैती या अपहरण नहीं बल्कि एक पूर्व नियोजित हत्या थी।
अब तक कुल चार गिरफ्तारियां
अब तक इस मामले में सोनम सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें तीन हमलावर मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं। हमलावरों की पहचान और विस्तृत जानकारी अब तक सामने नहीं आई है।
घटना का विवरण:
- शादी: 11 मई 2025, इंदौर में राजा (29) और सोनम (25) की शादी हुई थी।
- हनीमून यात्रा: 20 मई को दंपती मेघालय के शिलांग रवाना हुए थे।
- अंतिम संपर्क: 23 मई को दोनों ने अपने परिवार से आखिरी बार संपर्क किया था।
- गायब: इसके बाद से दोनों लापता हो गए।
- स्कूटी बरामद: 24 मई को चेरापूंजी के पास स्कूटी लावारिस मिली, जिसमें राजा की टी-शर्ट, सोनम का रेनकोट और मोबाइल मिला।
- शव की बरामदगी: 2 जून को राजा का शव वेईसावडॉन्ग झरने की गहरी खाई से मिला।
- पोस्टमॉर्टम में हत्या की पुष्टि हुई।
राजा की पहचान उसके हाथ पर बने ‘राजा’ टैटू से हुई और शव के पास एक धारदार हथियार मिला, जिसे हत्या का हथियार माना जा रहा है। राजा की सोने की अंगूठी और चेन गायब थीं।
जांच और खोज अभियान
राजा और सोनम की गुमशुदगी के बाद मेघालय पुलिस ने एक विशाल खोज अभियान चलाया, जिसमें NDRF, SDRF, अग्निशमन विभाग, SIT, SOT और स्थानीय स्वयंसेवकों सहित 60 से अधिक लोग शामिल थे। खराब मौसम, घने जंगल और दुर्गम रास्तों के बावजूद खोज जारी रही।
सोनम का गाजीपुर में सरेंडर
सोनम को गाजीपुर के नंदगंज थाना क्षेत्र के एक ढाबे से गिरफ्तार किया गया। शुरू में वह बेहद परेशान स्थिति में मिली और बोलने की स्थिति में नहीं थी। बाद में पता चला कि सोनम ने स्वेच्छा से थाने में आत्मसमर्पण किया था।
परिवारों के आरोप और सवाल
राजा और सोनम के परिजनों ने मेघालय पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगाए थे।
सोनम के पिता देवी सिंह रघुवंशी ने कहा था कि अगर पहले दिन से ही कार्रवाई होती, तो शायद उनकी बेटी जिंदा मिलती। अब जब साजिश की परतें खुल रही हैं, यह सवाल भी खड़ा हो गया है कि क्या सोनम को बचाने की कोशिशें हो रही थीं?
जांच में अब भी कई सवाल अनुत्तरित:
- हत्या की मुख्य वजह क्या थी?
- सोनम ने यह साजिश कब और क्यों रची?
- क्या इसमें और लोग शामिल हैं?
- क्या शादी से पहले ही हत्या की योजना बन चुकी थी
- इन सवालों के जवाब अब मेघालय पुलिस की आगे की जांच पर निर्भर हैं।
भारत के सामाजिक ताने-बाने पर असर
राजा और सोनम की यह घटना भारत के सामाजिक ढांचे पर गहरे सवाल खड़े करती है। एक ऐसा हनीमून, जो प्रेम और नयापन का प्रतीक होता है, हत्या और धोखे की खौफनाक पटकथा बन गया।