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केदारनाथ हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान को दी गई श्रद्धांजलि, राज्यवर्धन राठौड़ बोले – “भारत माता के सच्चे सपूत थे”

उनकी पत्नी लेफ्टिनेंट कर्नल दीपिका चौहान और राजस्थान सरकार के मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने उनकी अंतिम यात्रा में भाग लिया

 

जयपुर (राजस्थान)। उत्तराखंड के केदारनाथ में हुए दुखद हेलीकॉप्टर दुर्घटना में लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान (सेवानिवृत्त) का निधन हो गया। वे उन सात लोगों में शामिल थे, जिन्होंने इस दुर्घटना में अपनी जान गंवाई। उनके निधन से ना केवल उनका परिवार, बल्कि पूरा राष्ट्र शोक में डूबा हुआ है।

जयपुर के शास्त्री नगर स्थित उनके निवास पर अंतिम संस्कार की तैयारियों के दौरान शोक की लहर छा गई। उनकी पत्नी लेफ्टिनेंट कर्नल दीपिका चौहान और राजस्थान सरकार के मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने उनकी अंतिम यात्रा में भाग लिया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने इस मौके पर कहा, “यह पूरे राष्ट्र और परिवार के लिए बेहद दुख की घड़ी है। एक बहादुर सैनिक अब हमारे बीच नहीं रहे। वे बहुत कम उम्र में हमें छोड़ गए। उनके साथियों से मैंने बातचीत की, हर कोई उनकी बहादुरी, अनुशासन और समर्पण की सराहना कर रहा था। मैं उन्हें नमन करता हूं।”

उन्होंने आगे बताया कि शहीद की मां की भारत माता की जय और वन्दे मातरम् जैसी गूंजती आवाज़ें इस कठिन समय में भी पूरे माहौल को गर्व से भर रही थीं।

“उन्होंने कहा कि मुझे यह ताकत मेरे बेटे और बहू ने दी, जो दोनों सैनिक हैं। ऐसे परिवारों की बदौलत ही भारत एक मजबूत राष्ट्र बनता है,” राठौड़ ने कहा।

लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान की पहचान एक अनुशासित, समर्पित और राष्ट्रभक्त सैनिक के रूप में रही है। सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद भी वे देशसेवा से जुड़े विभिन्न कार्यों में सक्रिय थे। उनकी पत्नी दीपिका चौहान भी सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर कार्यरत हैं, जिससे यह परिवार सेवा और बलिदान का प्रतीक बन गया है।

उनकी अंतिम यात्रा के दौरान शास्त्री नगर की गलियों में सन्नाटा पसरा रहा, और हर आंख नम थी। बड़ी संख्या में लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए एकत्र हुए और “राजवीर सिंह अमर रहें” के नारों से माहौल गूंज उठा।

देश ऐसे वीरों को हमेशा याद रखेगा जिन्होंने न सिर्फ अपनी जान की परवाह किए बिना सेवा की, बल्कि अपने परिवार को भी राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित किया।

 

 

 

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