न्यूज़

झुग्गीवासियों के पक्ष में खड़ी है AAP, विधायक संजीव झा ने लिया “घर-रोज़गार बचाओ यात्रा” में हिस्सा

मॉडल टाउन विधानसभा क्षेत्र के कबीर नगर से “घर-रोज़गार बचाओ यात्रा” की शुरुआत की गई

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली की झुग्गी बस्तियों में रह रहे लाखों लोगों के हक की लड़ाई को ताक़त देने के उद्देश्य से आज मॉडल टाउन विधानसभा क्षेत्र के कबीर नगर से “घर-रोज़गार बचाओ यात्रा” की शुरुआत की गई। यह यात्रा उन गरीब परिवारों की आवाज़ है, जिनके सिर से छत और पेट से रोटी छीनने की कोशिश की जा रही है।

यात्रा का नेतृत्व आप (AAP) दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने किया। उनके साथ बुराड़ी के विधायक संजीव झा (MLA Sanjeev Jha), अन्य पार्टी नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। इस मौके पर बड़ी संख्या में झुग्गीवासियों ने भाग लिया और अपनी परेशानियों को खुलकर सामने रखा।

विधायक संजीव झा (MLA Sanjeev Jha) ने कहा, “झुग्गीवासियों का घर और रोज़गार सुरक्षित रखना सरकार की जिम्मेदारी है। यह यात्रा उन हज़ारों परिवारों की आवाज़ है, जो आज बेघर होने के डर में जी रहे हैं।”

यात्रा के माध्यम से झुग्गीवासियों को 29 जून को जंतर मंतर पर होने वाली ‘महा रैली’ में शामिल होने का निमंत्रण दिया गया, ताकि दिल्ली की झुग्गियों की आवाज़ को देश की संसद और सत्ता के केंद्र तक पहुंचाया जा सके।

AAP नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार और नगर निगम के फैसलों ने झुग्गीवासियों के अस्तित्व पर संकट खड़ा कर दिया है। यदि समय रहते आवाज़ नहीं उठाई गई, तो हजारों लोग बेघर और बेरोजगार हो सकते हैं।

“घर-रोज़गार बचाओ यात्रा” अगले कुछ दिनों में दिल्ली की अन्य झुग्गी बस्तियों में भी पहुंचेगी, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस आंदोलन से जोड़ा जा सके और उनका अधिकार सुरक्षित किया जा सके।

अशोक विहार में झुग्गवासियों का कहना है कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (CM Rekha Gupta) कहती हैं कि “कोर्ट के आदेश पर झुग्गियाँ तोड़ी जा रही हैं” — लेकिन सच्चाई क्या है? अशोक विहार के जेलर वाला बाग में हाई कोर्ट की स्टे ऑर्डर के बावजूद सैकड़ों गरीबों के सिर से छत छीन ली गई। मुख्यमंत्री जी, क्या अब आपकी सरकार न्यायालय से ऊपर हो गई है? क्या दिल्ली में कोर्ट का आदेश कागज़ का टुकड़ा बनकर रह गया है? गरीबों को उजाड़ना अब राजनीति का नया चेहरा बन चुका है — और उसे झूठ की चादर से ढँकने की कोशिश की जा रही है। जो सरकार अदालत की स्टे का सम्मान नहीं करती, वो जनता का क्या करेगी?

Related Articles

Back to top button