चुनाव आयोग के फैसले पर जेडीयू विधायक गोपाल मंडल ने उठाए सवाल, कहा– ग्रामीण मतदाता हो रहे भ्रमित
ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता और संचार की सीमितता के कारण स्थिति और जटिल हो जाती है।

भागलपुर (बिहार)। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। इसी कड़ी में जेडीयू के वरिष्ठ और तेजतर्रार विधायक गोपाल मंडल ने चुनाव आयोग के हालिया फैसलों पर सवाल उठाते हुए गंभीर चिंता जताई है।
भागलपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान गोपाल मंडल ने कहा कि गांव-गांव में बूथ लेवल की बैठकें हो रही हैं, जिससे ग्रामीण मतदाता भ्रमित हैं। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि उनका नाम वोटर लिस्ट में रहेगा या नहीं।
उन्होंने आशंका जताई कि इस भ्रम के चलते हजारों ग्रामीण मतदाता मतदान से वंचित रह सकते हैं, जो लोकतंत्र की आत्मा के खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता और संचार की सीमितता के कारण स्थिति और जटिल हो जाती है।
चुनाव आयोग से की विशेष निर्देश जारी करने की मांग
गोपाल मंडल ने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि वह तत्काल स्थिति स्पष्ट करे और ग्रामीण इलाकों के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी करे, जिससे भ्रम की स्थिति दूर की जा सके। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची को अपडेट करने की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं हुई, तो इससे लोकतंत्र की विश्वसनीयता पर आंच आ सकती है।
लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने के लिए जरूरी है विश्वास
जेडीयू विधायक ने जोर देते हुए कहा, “चुनाव आयोग को चाहिए कि वह सभी वर्गों को विश्वास में लेकर निर्णय करे। लोकतंत्र की गरिमा तभी बरकरार रह सकती है, जब हर योग्य मतदाता को मतदान का अधिकार मिले।”
इस बयान के साथ ही बिहार की राजनीति में एक और बहस छिड़ गई है, जहां सत्ताधारी गठबंधन के भीतर से ही चुनावी तैयारियों और प्रक्रियाओं पर सवाल उठाए जा रहे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाता है।