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मालेगांव ब्लास्ट मामले में सभी आरोपी बरी, ओवैसी ने उठाए सवाल – क्या मोदी और महाराष्ट्र सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी?

नई दिल्ली। मालेगांव ब्लास्ट मामले में NIA कोर्ट द्वारा सभी आरोपियों को बरी किए जाने पर एआईएमआईएम (AIMIM) सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। ओवैसी ने कहा कि 17 साल बाद सभी आरोपी कोर्ट से बरी हो गए, लेकिन अब बड़ा सवाल यह है कि इन धमाकों के लिए जिम्मेदार कौन है।

ओवैसी ने कहा, “महाराष्ट्र सरकार 2006 के मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट मामले में दोषियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई। यदि मालेगांव मामले में भी सरकार सुप्रीम कोर्ट नहीं जाती, तो क्या यह आतंकवाद के खिलाफ दोहरे मापदंड (पाखंड) नहीं होगा?”

उन्होंने आरोप लगाया कि मालेगांव धमाकों में मिलिट्री ग्रेड आरडीएक्स का इस्तेमाल हुआ था, “ऐसा विस्फोटक कहां से आया? और जिन लोगों ने इन बम धमाकों को अंजाम दिया, वे आज खुलेआम घूम रहे हैं। यह देश की सुरक्षा व्यवस्था और न्याय व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।”

ओवैसी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और महाराष्ट्र सरकार से यह स्पष्ट करने की मांग की कि क्या वे इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगी। उन्होंने कहा कि अगर सरकारें इस फैसले के खिलाफ अपील नहीं करतीं, तो यह संकेत देगा कि आतंकवाद के खिलाफ उनकी नीति पक्षपाती और राजनीतिक है।

ज्ञात हो कि 2006 में महाराष्ट्र के मालेगांव शहर में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में कई लोगों की मौत हुई थी और दर्जनों घायल हुए थे। यह मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपा गया था, और लंबे समय तक चली जांच व सुनवाई के बाद अब कोर्ट ने सभी आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है।

अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि क्या सरकारें इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगी या नहीं।

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