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अवैध धर्मांतरणकारी गिरोह को बचाने से बाज आए कांग्रेसी-क्रिश्चियन गठजोड़: विश्व हिंदू परिषद

नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने छत्तीसगढ़ में आदिवासी लड़कियों के कथित अवैध धर्मांतरण के एक ताज़ा मामले को लेकर कांग्रेस और ईसाई संगठनों पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से यह गठजोड़ मानव तस्करी में लिप्त दो ननों और उनके एक सहयोगी को बचाने में जुटा है, वह निंदनीय और गंभीर चिंता का विषय है।

डॉ. जैन ने बताया कि छत्तीसगढ़ के नारायणगढ़ की तीन आदिवासी लड़कियों के साथ दो नन संदिग्ध गतिविधियों में शामिल पाई गईं। दुर्ग रेलवे स्टेशन पर स्थानीय नागरिकों को शक होने पर पुलिस को सूचित किया गया और पुलिस ने उन्हें पकड़कर पूछताछ की, जिसमें मानव तस्करी और अवैध धर्मांतरण के संकेत मिले।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह कोई पहला मामला नहीं है। पूर्व में भी चर्च पर ऐसे कई आरोप लगे हैं। उन्होंने 2018 में रांची के निर्मल हृदय आश्रम से 280 बच्चों के गायब होने का उदाहरण देते हुए कहा कि सेवा की आड़ में चर्च अवैध गतिविधियों को अंजाम देता रहा है।

डॉ. जैन ने कहा, “जब भी कोई ईसाई धर्मगुरु या संस्था अवैध कार्यों में पकड़ी जाती है, तो पूरा हिंदू विरोधी इकोसिस्टम उनके बचाव में लग जाता है। राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल जैसे कांग्रेस नेता खुलकर आरोपियों के पक्ष में खड़े हो गए।”

उन्होंने बताया कि संसद परिसर में कुछ कांग्रेस सांसदों ने प्रदर्शन किया और यहां तक कि केरल के कुछ सांसद रायपुर जाकर छत्तीसगढ़ सरकार पर इन ननों को छोड़ने का दबाव बनाने की कोशिश की। “क्या ये नेता कानून से ऊपर हैं?”—ऐसा सवाल उठाते हुए डॉ. जैन ने कहा कि यदि कोई दोषी है, तो कानून को अपना कार्य करने देना चाहिए।

उन्होंने एक बिशप के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी जिसमें कहा गया था कि ननों और पादरियों को पारंपरिक वेशभूषा के बजाय सामान्य कपड़ों में यात्रा करनी चाहिए। इस पर डॉ. जैन ने पूछा, “क्या छुपाने के पीछे अपराध बोध है? अगर कुछ गलत नहीं किया, तो पहचान छुपाने की ज़रूरत क्यों?”

डॉ. जैन ने चेतावनी देते हुए कहा कि सेवा के नाम पर अवैध धर्मांतरण और मानव तस्करी को हिंदू समाज सहन नहीं करेगा। उन्होंने कहा, “हिंदू समाज उदार है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह अपनी बच्चियों और महिलाओं के साथ होने वाले अन्याय को चुपचाप सह ले।”

उन्होंने केरल के नेताओं से भी अपील की कि वे इस प्रकार के धर्मांतरण से जुड़े तत्वों का समर्थन न करें क्योंकि इससे केरल की सांस्कृतिक छवि पर आघात पहुंचता है।

अंत में, विहिप नेता ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह एक सख्त धर्मांतरण विरोधी केंद्रीय कानून बनाए, ताकि मासूम बच्चियों, भोले-भाले हिंदुओं और समाज को ऐसे संगठित षड्यंत्रों से बचाया जा सके। उन्होंने समाजशास्त्रियों और सभी राजनेताओं से अपील की कि वे इस विषय पर खुलकर चर्चों की जवाबदेही तय करने के लिए आगे आएं।

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