
दशहरा या विजयादशमी दुर्गा पूजा का 10वां और आखिरी दिन होता है। साथ ही इस साल दशहरा 12 अक्टूबर के दिन है। आपको बता दें कि पूरे भारत में इस शुभ दिन को लेकर कई मान्यताएं हैं। जिसमें सबसे प्रचलित है दशमी के दिन ही मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने दस सिर वाले रावण का वध किया था।इसलिए दशहरा के दिन रावण के विशाल पुतले को जलाया जाता है। विजयदशमी इस बात का प्रमाण है की बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत हुई है। ऐसे में इस साल शस्त्र पूजन मुहूर्त, दशहरा पूजन, रावण दहन कब है चलिए जान लेते है।
शास्त्र पूजन मुहूर्त
दशहरा के दिन शास्त्र पूजन मुहूर्त, पूजा विजय मुहूर्त में करना शुभ माना जाता है। इस साल दशहरा पूजन के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 02 मिनट से शुरू होगा,और दोपहर 2 बजकर 48 मिनट पर समाप्त होगा।
दशहरा मुहूर्त
उदया तिथि के अनुसार दशमी 12 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 12 अक्टूबर को है। सुबह 10 बजकर 58 मिनट से शुरू होगा और समापन 13 अक्टूबर 2024, सुबह 09 बजकर 08 मिनट पर होगा।
पूजन विधि
. दशहरे के दिन जल्दी उठकर स्नान कर लीजिए फिर साफ वस्त्र धारण करें।
. फिर गेहूं या चूने से दशहरे की प्रतिमा बना लीजिए।
. गाय के गोबर से 9 गोले व 2 कटोरियां बनाकर, एक कटोरी में रोली, चावल, जौ व फल रखें और दूसरी कटोरी में
सिक्के रखें।
. इसके बाद आप प्रतिमा को जौ, गुड़, केले और मूली के साथ अर्पित करिए।
. इस दिन गरीबों को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा करें।
. पूजा समाप्त होने के बाद बड़ों का पैर छूकर आशीर्वाद लें।
चलिए अब जानते है की दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी को लेकर क्या मान्यता है। दरअसल, नीलकंठ पक्षी को भगवान का प्रतिनिधि माना जाता है और दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन हो जाए तो आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।