Health Budget 2023: जानें इस बार के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए क्या रहा खास?

किसी भी देश की प्रगति में स्वास्थ्य और शिक्षा पर होने वाले खर्च का बहुत बड़ा योगदान रहता है। केंद्रीय बजट 2023-24 से हेल्थ सेक्टर को बहुत उम्मीदें थी। संसद में बजट पेश करते समय केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इससे संबंधित कई बड़ी घोषणाएं कीं। देश को एनीमिया मुक्त बनाने के लक्ष्य के साथ-साथ नए नर्सिंग कॉलेज और अनुसंधान केंद्रों को लेकर घोषणा की गई।
जानें इस बार के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए क्या हैं खास
बजट 2023-24 में हेल्थ सेक्टर को लेकर वित्त मंत्री ने जिन विषयों पर जोर दिया। वे इस प्रकार है…
* कोविड-19 (Covid 19) से मुकाबले के लिए 220 करोड़ कोविड टीके दिए गए।
* वर्ष 2014 से स्थापित मौजूदा 157 मेडिकल कॉलेजों (Medical Colleges) के साथ कोलोकेशन में 157 नए नर्सिंग कॉलेज (Nursing College) स्थापित किए जाएंगे।
* साल 2047 तक सिकल सेल एनीमिया (Anemia) को खत्म करने के लिए एक मिशन स्थापित किया जाएगा। जिसमें प्रभावित आदिवासी क्षेत्रों में 40 साल तक के 7 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग (Screening) की जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा, कि सरकार इस बीमारी को खत्म करने को लेकर काफी अलर्ट मोड में है।
* अनुसंधान (Research) में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही फार्मास्यूटिकल्स में अनुसंधान के लिए नए कार्यक्रम तैयार भी किए जाएंगे।
* सार्वजनिक और निजी चिकित्सा संस्थानों (Public And Private Medical Institutions) द्वारा अनुसंधान के लिए आईसीएमआर की चुनिंदा प्रयोगशालाओं में सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
* बजट (Budget) में मेडिकल उपकरणों को समर्पित बहु-विषयक पाठ्यक्रम लाने की भी घोषणा की गई है। इसके साथ ही भविष्य की चिकित्सा प्रौद्योगिकियों (Medical Technologies), उच्च अंत निर्माण (High-End Manufacturer) और अनुसंधान (Research) के लिए काम करने का भी लक्ष्य बनाया गया है। इसमें अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया है।
जानें कितना होगा स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग (Department of Health and Family Welfare) के लिए बजट में कुल आवंटन 89,155 करोड़ रुपये रहा। जो पिछले साल के 86,200 करोड़ रुपये से लगभग 0.34 प्रतिशत ज्यादा है। बजट 2022-23 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को 86,200 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। वित्त वर्ष 2020-21 में 73,932 करोड़ रुपये की तुलना में यह लगभग 16.5 प्रतिशत की वृद्धि थी।