
नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने बताया कि भारत ने जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का गौरव हासिल किया है। भारत की अर्थव्यवस्था अब 4 ट्रिलियन डॉलर की हो गई है। इसका मतलब है कि अब केवल अमेरिका, चीन और जर्मनी ही भारत से आगे हैं। नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के आंकड़ों के आधार पर कहा कि हम अब 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हैं। भारत जापान से बड़ा हो गया है। अगर हम अपनी योजनाओं पर कायम रहे, तो अगले ढाई से तीन साल में हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकते हैं।
कैसे पहुंचा भारत इस मुकाम तक
सुब्रह्मण्यम ने बताया कि भारत की इस सफलता का कारण देश में किए गए सुधार और वैश्विक माहौल का भारत के पक्ष में होना है। IMF की अप्रैल 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, 2026 में भारत का जीडीपी 4,187.017 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है, जो जापान के अनुमानित 4,186.431 बिलियन डॉलर से थोड़ा ज्यादा है। 2024 तक भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था, लेकिन अब यह चौथे स्थान पर आ गया है।
भारत की तेज आर्थिक वृद्धि
IMF का अनुमान है कि भारत 2025 में 6.2% और 2026 में 6.3% की दर से बढ़ेगा, जो दुनिया की किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था से ज्यादा है। वैश्विक आर्थिक वृद्धि 2025 में 2.8% और 2026 में 3.0% रहने का अनुमान है, जो भारत की तेजी को और खास बनाता है। सुब्रह्मण्यम ने कहा कि भारत अब तेजी से विकास के रास्ते पर है और यह एक बड़े बदलाव का समय है।
ग्लोबल मंच पर भारत की भूमिका
यह उपलब्धि ऐसे समय में आई है जब भारत ‘मेक इन इंडिया’ के जरिए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में अपनी जगह मजबूत कर रहा है। हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि अमेरिका में बिकने वाले iPhone का निर्माण भारत जैसे देशों की बजाय अमेरिका में होना चाहिए। इस पर सुब्रह्मण्यम ने कह कि अमेरिकी टैरिफ की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन भारत सस्ता और आकर्षक मैन्युफैक्चरिंग केंद्र बना रहेगा।
आगे की राह
भारत का 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना एक ऐतिहासिक कदम है। नीति आयोग के सीईओ ने विश्वास जताया कि भारत जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। भारत की तेज वृद्धि और वैश्विक मंच पर बढ़ती भूमिका इसे एक आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभार रही है।