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कुंवारी लड़कियां भी रख सकती हैं करवाचौथ का व्रत! जानें कैसे करें पूजा?

हर वर्ष कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत महिलाएं रखती हैं। इस साल बुधवार 1 नवंबर को करवाचौथ मनाया जाएगा। सुहागिन महिलाओं के लिए यह दिन बेहद खास है। करवा चौथ पर महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
वह चांद को देखे बिना पानी की एक बूंद भी पानी नहीं पीती हैं। पूरे दिन निर्जला व्रत रहने के बाद छलनी में पति का चेहरा देखकर ही सुहागिनें व्रत खोलती हैं। इस व्रत को पति की दीर्घायु के साथ-साथ दांपत्य जीवन में खुशहाली के लिए भी रखा जाता है।हम सभी को यही लगता है कि सिर्फ शादीशुदा महिलाएं ही इस व्रत को रखती है। लेकिन, कई जगहों पर कुंवारी लड़कियां भी शादी से पहले करवा चौथ का व्रत रखती हैं। शादी से पहले करवा चौथ का व्रत रखा जा सकता है, बस नियमों का पालन करना जरूरी है। अविवाहित लड़कियां अपने प्रेमी, मंगेतर या फिर जिसे वो अपना जीवनसाथी बनाना चाहती हैं, उनके लिए यह व्रत रख सकती हैं। लेकिन, कुंवारी लड़कियों के लिए करवा चौथ व्रत की पूजन विधि अलग होती है, तो यदि आप अविवाहित हैं और करवा चौथ का व्रत रखना चाहती हैं तो सबसे पहले इन जरूरी नियमों को जान लें।

करवा चौथ व्रत में ऐसे पूजन करें कुंवारी लड़कियां

1-अविवाहित लड़कियों को निर्जला व्रत करने के बजाए फलाहार व्रत रखना चाहिए। कुंवारी कन्याओं के लिए निर्जला व्रत रखने का नियम नहीं है, क्योंकि उन्हें सरगी नहीं मिल पाती है।

2- करवा चौथ व्रत में सुहागिनें भगवान शंकर, माता पार्वती, श्री गणेश, कार्तिकेय और चंद्रमा की पूजा करती हैं। लेकिन, कुंवारी कन्याओं को करवा चौथ के व्रत में केवल माता करवा की कथा सुननी चाहिए और भगवान शिव एवं माता पार्वती का पूजन करना चाहिए।

3- कुंवारी लड़कियां के लिए चंद्रमा को अर्घ्य देने का नियम नहीं इसलिए वह व्रत के दिन तारों को अर्घ्य देकर व्रत खोल सकती हैं।

4- अविवाहित लड़कियों को पूजा के समय चलनी प्रयोग करने की भी कोई बाध्यता नहीं है। वह तारों को बिना चलनी के भी देखकर अर्घ्य दे सकती हैं ।

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