
नाग पंचमी क्या है
नाग पंचमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है। हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन माह की शुक्ल पक्ष के पंचमी को हर साल नाग पंचमी मनाई जाती है जिसमें नाग देवता की पूजा की जाती है। हिन्दू धर्म में नाग पंचमी की अत्यधिक मान्यता होती है।माना जाता है कि सर्प या सांप देवता होते हैं और उनकी पूजा की जाए तो कालसर्प दोष (Kaalsarp Dosh) दूर होता है, सर्प भय से मुक्ति मिलती है और सर्पदंश जैसी बाधाएं दूर होती हैं।नाग पंचमी पर नाग देवता (Nag Devta) के साथ ही भगवान शिव की पूजा का भी विशेष महत्व होता है।वहीं, इस दिन नाग देवता के दर्शन होना अत्यंत शुभ माना जाता है।
नाग पंचमी कब है ? शुभ मुहूर्त
पंचांग के मुताबिक, नाग पंचमी की तिथि 29 जुलाई यानी आज ही मनाई जा रही है। 11 बजकर 24 मिनट पर शुरू हो चुकी है और तिथि का समापन 30 जुलाई की रात 12 बजकर 46 मिनट पर होगा।
क्या है नाग पंचमी की पूजा विधि
– नाग पंचमी पर पूजा करने के लिए सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं।
– इसके बाद गाय के गोबर से नाग का आकार बनाया जाता है,
– नाग देवता का आवाह्न किया जाता है और ध्यान लगाकर व्रत का संकल्प लिया जाता है।
– अब पूजा करने के लिए मेवा, अबीर, मेहंदी, दूध और फूल समेत मेवा को पूजा सामग्री में शामिल किया जाता है
– नाग देवता पर दूध चढ़ाकर पूजा की जाती है, नाग देव के मंत्रों का जाप किया जाता है और पूजा संपन्न करके मनोकामना मांगी जाती है।
नाग पंचमी की पूजा करने से क्या होता है ?
नाग पंचमी की पूजा करने से कालसर्प दोष दूर होता है कुंडली में कालसर्प दोष तब लगता है जब सूर्य, चंद्र और गुरु के साथ ही राहु की उपस्थिति होती है। मान्यतानुसार राहु का अधिदेवता काल है और केतु का अधिदेवता सर्प है। इन दोनों ग्रहों के बीच कुंडली में अगर एक तरफ सभी ग्रह होते हैं तो कालसर्प दोष लग जाता है।माना जाता है कि नाग पंचमी की पूजा करने से कालसर्प दोष दूर होता है।