Nagaland Election: नागालैंड में नहीं बचा विपक्ष, 2018 के चुनाव में मिलकर बनाई थी सरकार

नगालैंड विधानसभा का कार्यकाल 12 मार्च को समाप्त हो रहा है। नागालैंड में इस वक्त एनडीपीपी की सरकार है और नेफ्यू रियो यहां के मुख्यमंत्री हैं। नागालैंड में विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान हो गया है। यहां 27 फरवरी को एक-एक चरण में मतदान होगा। राज्य में 60-60 सदस्यीय विधानसभा है।
नागालैंड में 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी नगा पीपुल्स फ्रंट (Naga People’s Front) दो टुकड़ों में बंट गई थी। फिर यहां बागियों ने नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (Nationalist Democratic Progressive Party) (NDPP) बनाई। पार्टी के बड़े नेता और राज्य के मुख्यमंत्री रहे नेफ्यू रियो बागी (Nephew Rio Baaghi) गुट के साथ चले गए। चुनाव से पहले एनपीएफ (NPF) ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया। उसके बाद भाजपा और एनडीपीपी (NDPP) ने मिलकर चुनाव लड़ा। चुनाव में एनडीपीपी को 17 और भाजपा को 12 सीटों पर जीत मिली। साथ ही एनपीएफ को 27 सीट पर जीत मिली। गठबंधन सत्ता में आया तो नेफ्यू रियो मुख्यमंत्री बने। नेफ्यू रियो के सीएम बनने के बाद ही एनपीएफ (NPF) के ज्यादातर विधायक एनडीपीपी में शामिल हो गए। जिससे NDPP विधायकों का आंकड़ा 42 पर पहुंच गया। वहीं, एनपीएफ के केवल चार विधायक बचे। उसके बाद एनपीएफ ने भी सत्ताधारी गठबंधन को समर्थन दे दिया। इस समय राज्य विधानसभा के सभी 60 विधायक सत्ता पक्ष में हैं।
इस बार यहां सीट बंटवारे में विवाद की संभावना है। भाजपा अभी ज्यादा सीटों की डिमांड कर रही है। इसी वजह से चुनाव से पहले गठबंधन में दरार भी पड़ सकती है। कुछ दिन पहले ही गृहमंत्री अमित शाह ने नगालैंड का दौरा भी किया था। इसके बाद एनपीएफ के नेता कुझोलुजो निएनु ने बयानबाजी करते हुए कहा, कि गृहमंत्री शाह ने नगालैंड चुनाव में भाजपा के लिए ज्यादा सीटें मांगी हैं। इसी दौरान कुझोलुजो निएनु ने एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू देते हुए कहा, कि एनपीएफ नागालैंड की सबसे पुरानी पार्टी है। साथ ही वह अकेले दम पर चुनाव लड़ने में भी सक्षम है।