
नीट पेपर लीक मामले को लेकर काफी विवाद चल रहा है और राजनितिक माहोल भी गरमाया हुआ है। नीट पेपर लीक मामले में रोज नए – नए खुलासे हो रहे हैं। वही, अब एक और बड़ा खुलासा हुआ है। सीबीआई ने नीट पेपर लीक 2024 की जांच शुरू कर दी है. इस पूरे मामले में सीबीआई ने एक अलग से केस रजिस्टर्ड किया और इस केस के आधार पर छानबीन शुरू की। सीबीआई टीम पटना पहुंचकर मामले की जांच में जुट गई और सीबीआई की इस मामले को लेकर पहली गिरफ़्तारी। पेपर लीक मामले से जुड़ी गिरफ़्तारी मे चिंटू, प्रभात रंजन और संजीव मुखिया के साथ-साथ एक और अहम नाम सामने आए है, जिसकी पेपर लीक में अहम भूमिका बताई जा रही है। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं मनीष प्रकाश की मनीष प्रकाश वहीं व्यक्ति है जिसने अपने दोस्त आशुतोष से कहकर लर्न एंड प्ले स्कूल को परीक्षार्थियों के लिए बुक कराया था।
दरअसल पटना के खेमनी चक स्थित लर्न प्ले स्कूल में मिला जला हुआ मिला था जो की नीट पेपर लीक कांड के सबसे अहम सबूतों में एक है और सबसे बड़ी बात यह है कि इस प्ले एंड लर्न स्कूल को मनीष प्रकाश ने रात भर के लिए किराए पर लिया था और 20 से 25 परीक्षार्थियों को रटवाया गया था पेपर। आपको बता दें की , इसी स्कूल से मिले जले हुआ प्रश्न पत्र के आधार पर पटना पुलिस और आर्थिक अपराध इकाई की जांच की सारी थ्योरी टिकी हुई थी। EOU की टीम लगातार एनटीए से जले हुए प्रश्न पत्र के बारे में जानकारी मांग रही थी। धीरे-धीरे यह तो साफ हो गया कि यह पेपर हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के परीक्षा केंद्र से लीक हुआ।
नीट का पेपर 20 से 25 परीक्षार्थियों को रटवाया गया
नीट पेपर लीक मामले मे एक और नाम शामिल है, जो की है आनंद कुमार जो पेशे से जमीन कारोबारी है और उसकी मनीष प्रकाश से गहरी दोस्ती रही है। आनंद कुमार की माने तो मनीष प्रकाश ने कुछ परीक्षार्थियों के रहने के लिए लर्न प्ले स्कूल की बिल्डिंग वालो जगह उससे मांगी थी। लेकिन, बाद में यहां पर 20 से 25 परीक्षार्थियों को इकट्ठा करा और आंसर रटवाया गया। मनीष प्रकाश लर्न प्ले स्कूल में सभी परीक्षार्थियों को खेमनी चक स्थित स्कूल में ले गया था। उसने आनंद कुमार को बताया कि बस कुछ बच्चों को रात में रखना चाहता है। लेकिन, सुबह में आनंद कुमार ने देखा कि उस कमरे में काफी संख्या में बच्चे इकट्ठे हो गए।
आनंद कुमार लगातार कहता रहा कि जल्दी से जल्द बिल्डिंग को छोड़ दो। लेकिन, सभी आधे घंटे बोल कर 12 बजे तक उसी बिल्डिंग में बैठे रहे और रट्टा मारते रहे। आनंद कुमार ने अपनी गलती स्वीकार की और कहा की मुझे मनीष प्रकाश को बिल्डिंग नहीं देनी चाहिए थी।