
अस्पताल में मरीजों के साथ उनके परिवार और रिश्तेदार मौजूद रहते हैं। कई बार यह संख्या बढ जाती है। जिससे अव्यवसथा की स्थिति बन जाती है। इसी अव्यवसथा को रोकने के लिए दिल्ली एम्स प्रशासन ने अस्पताल के नियमों में एक बड़ा बदलाव किया है। परिसर में बढ़ती भीड़ को रोकने के लिए अब एक मरीज के साथ एक ही अटेंडेंट को रूकने की अनुमति है।आम तौर पर दूर-दराज के इलाकों से आने वाले मरीजों के सगे-सम्बन्धी परिसर में ही रहते हैं। इस कारण परिसर में काफी भीड़ हो जाती है। इस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अब यह नया नियम लागू किया गया है। एम्स के सुप्ररिटेंडेंट डॉ संजीव लालवानी ने इस आदेश को प्रभावी रूप से लागू करने की हिदायत दी है।
दिव्यांग, बच्चों और सीनियर सिटिजंस को मिली छूट
एक मरीज के साथ एक अटेंडेंट के नियम में बच्चे, दिव्यांग और सीनियर सिटिजंस को राहत मिली है। इनके साथ एक से ज्यादा अटेंडेंट को रूकने की अनुमति दी गई है। छोटे बच्चे भी एम्स में भर्ती होते हैं जिनकी देखभाल और बहुत से कामों के लिए मां की जरूरत होती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए बच्चों, दिव्यांग,और सीनियर सिटिजंस को यह छूट दी गई है। इसके साथ ही एक और नियम में भी परिवर्तन किया गया है। एम्स में मरीजों से मिलने का अब तक कोई निश्चित समय निर्धारित नहीं था। मेडिकल सुपरीटेंडेंट की ओर से जारी आदेश के मुताबिक मरीजों से मिलने का समय तय कर दिया गया है। मरीजों से मुलाकात का समय शाम में चार बजे से 7 बजे के बीच होगा। प्रशासन का आदेश है कि इस नियम का सख्ती से पालन किया जाए। इस नियम का मकसद भी अस्पताल में भीड़ को नियंत्रित करने है।