
नई दिल्ली । भारतीय राइफल संघ (एनआरएआई) ने अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (ISSF) की आधिकारिक कोचिंग और शिक्षा इकाई ISSF अकादमी के साथ एक ऐतिहासिक साझेदारी की है। इस साझेदारी के तहत भारत में आईएसएसएफ प्रमाणित कोचिंग कोर्स की शुरुआत की जाएगी। यह MoU नई दिल्ली में हस्ताक्षरित किया गया।
इस अवसर पर एनआरएआई अध्यक्ष श्री कालिकेश नारायण सिंह देव, आईएसएसएफ अकादमी निदेशक डॉ. वेसा निसीनेन, एनआरएआई महासचिव श्री के. सुल्तान सिंह, आईएसएसएफ अकादमी सीईओ सुश्री कैरोलिना निसीनेन, एनआरएआई शिक्षा निदेशक श्री पवनकुमार सिंह, और आईएसएसएफ शॉटगन कोचिंग समिति के सदस्य श्री मंषेर सिंह उपस्थित रहे।
भारत में विश्वस्तरीय कोचिंग अब देश के भीतर ही इस समझौते के माध्यम से भारत में कोचों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण देश के भीतर ही मिलेगा, जिससे विदेश यात्रा की आवश्यकता घटेगी और कोचिंग शिक्षा अधिक सुलभ व व्यापक होगी। इससे भारतीय निशानेबाजी के जमीनी ढांचे को मजबूत करने में भी मदद मिलेगी और आधुनिक तकनीकों से लैस एक सक्षम कोचिंग समुदाय तैयार होगा।
इस पहल में ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट (OGQ) भी साझेदार के रूप में सहयोग करेगा।
एनआरएआई अध्यक्ष ने कहा – “यह कोचिंग में बदलाव की दिशा में ऐतिहासिक कदम”
एनआरएआई अध्यक्ष श्री कालिकेश नारायण सिंह देव ने कहा, “आईएसएसएफ अकादमी के साथ यह साझेदारी भारतीय निशानेबाजी में कोचिंग शिक्षा की दिशा में एक ऐतिहासिक बदलाव है। अब हमारे कोचों को वैश्विक स्तर का प्रशिक्षण देश में ही मिलेगा, जिससे भौगोलिक और आर्थिक बाधाएं हटेंगी। इससे हम न केवल शीर्ष स्तर पर मार्गदर्शन की गुणवत्ता को बेहतर बनाएंगे, बल्कि जमीनी स्तर पर प्रतिभा निर्माण में भी निवेश करेंगे।”
चार श्रेणियों में होंगे आईएसएसएफ प्रमाणित कोर्स
इस समझौते के तहत भारत में चार श्रेणियों में कोचिंग कोर्स संचालित किए जाएंगे:
श्रेणी A: एलीट/अंतरराष्ट्रीय स्तर
श्रेणी B: उन्नत स्तर
श्रेणी C: मध्यवर्ती स्तर
श्रेणी D: प्रारंभिक स्तर
ये सभी कोर्स आईएसएसएफ अकादमी के शैक्षणिक ढांचे और प्रमाणन प्रक्रिया के अनुरूप होंगे।
आईएसएसएफ अकादमी ने जताया भरोसा
आईएसएसएफ अकादमी के निदेशक डॉ. वेसा निसीनेन ने कहा, “भारत में कोचिंग शिक्षा को औपचारिक रूप देना हमारे लिए गर्व की बात है। यह साझेदारी भारत जैसे तेजी से उभरते निशानेबाजी राष्ट्र में एक मजबूत और मानकीकृत कोचिंग ढांचा स्थापित करने में मदद करेगी।”
देश के विभिन्न क्षेत्रों में होंगे ज़ोनल कोर्स
आईएसएसएफ अकादमी प्रशिक्षकों को नामांकित करेगी और पाठ्यक्रम की शैक्षणिक गुणवत्ता की निगरानी करेगी। साथ ही, भारत की भौगोलिक विविधता को देखते हुए क्षेत्रीय (जोनल) स्तर पर भी कोर्स आयोजित किए जाएंगे, जिससे देश के हर कोने के कोचों को समान अवसर मिल सके।
एनआरएआई महासचिव का वक्तव्य
एनआरएआई महासचिव श्री के. सुल्तान सिंह ने कहा, “हम आईएसएसएफ और उसकी अकादमी के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। यह साझेदारी भारतीय निशानेबाजी के इकोसिस्टम को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे कोचों की क्षमताएं बढ़ेंगी और खिलाड़ियों के विकास का एक सुसंगठित ढांचा तैयार होगा।”
भारत को निशानेबाजी का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में कदम
यह पहल एनआरएआई के उस दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसके तहत भारत को निशानेबाजी का वैश्विक केंद्र बनाया जाना है। एनआरएआई भविष्य में आईएसएसएफ के साथ संयुक्त रूप से पाठ्यक्रम भी विकसित करेगा, जिससे देश में निशानेबाजी का एक मजबूत, सुदृढ़ और अंतरराष्ट्रीय स्तर का ढांचा तैयार हो सके।