खेल

गोल्फ को जन-जन तक पहुँचाने की दिशा में बड़ा कदम, खेल मंत्रालय ने इंडियन गोल्फ प्रीमियर लीग (IGPL) को दी मंज़ूरी

IGPL के माध्यम से हम नई प्रतिभाओं को खोजकर उन्हें पोषित करेंगे और उन्हें वैश्विक मंच पर लाने के लिए तैयार करेंगे।

 

नई दिल्ली। गोल्फ को भारत में एक लोकप्रिय और जनसामान्य के लिए सुलभ खेल बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए युवा मामले एवं खेल मंत्रालय ने भारतीय गोल्फ यूनियन (IGU) को पहली इंडियन गोल्फ प्रीमियर लीग (IGPL) के आयोजन की अनुमति दे दी है। यह बहुप्रतीक्षित लीग जनवरी 2026 में आयोजित की जाएगी।

IGU, जो भारत में गोल्फ का मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय खेल महासंघ है, इस लीग का आयोजन भारत गोल्फ प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से करेगा। इसका उद्देश्य न केवल खेल को युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाना है, बल्कि जमीनी स्तर पर प्रशिक्षण और अवसरों का विस्तार कर भारत को वैश्विक गोल्फ मानचित्र पर मजबूत पहचान दिलाना भी है।

इस निर्णय की घोषणा उस समय हुई जब भारतीय गोल्फ यूनियन के प्रतिनिधिमंडल — जिसकी अगुवाई मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) विभूति भूषण ने की — ने WGAI की महासचिव और IGPL बोर्ड सदस्य चंपिका सयाल के साथ केंद्रीय खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया और पर्यटन व संस्कृति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत से औपचारिक मुलाकात की। इस दौरान गोल्फ के विकास, युवाओं की भागीदारी और IGPL की रणनीति पर विस्तृत चर्चा हुई।

IGU के महानिदेशक विभूति भूषण ने कहा, “यह हमारे लिए गर्व और सम्मान की बात है कि माननीय मंत्रियों ने हमारी बात सुनी और पहले IGPL के आयोजन को स्वीकृति दी। यह लीग भारत में गोल्फ के विकास को नई ऊंचाई तक पहुंचाएगी। IGPL के माध्यम से हम नई प्रतिभाओं को खोजकर उन्हें पोषित करेंगे और उन्हें वैश्विक मंच पर लाने के लिए तैयार करेंगे।”

क्या होगी IGPL की विशेषताएं:

शहर-आधारित फ्रैंचाइज़ी लीग का प्रारूप

एमेच्योर और प्रोफेशनल खिलाड़ियों की मिश्रित टीमें

स्कूल और कॉलेज स्तर पर 10 लाख से अधिक छात्रों को गोल्फ प्रशिक्षण और कोचिंग

अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित प्रशिक्षण सुविधाएं

यह लीग न केवल गोल्फ को अभिजात वर्ग के खेल की छवि से बाहर निकालने का काम करेगी, बल्कि इसे हर वर्ग के युवाओं के लिए एक संभावनाशील करियर विकल्प के रूप में प्रस्तुत करेगी।

सरकार के समर्थन से शुरू हो रही यह पहल भारत में गोल्फ संस्कृति को व्यापक बनाने और देश में खेलों के बहुआयामी विकास की दिशा में मील का पत्थर मानी जा रही है।

 

 

 

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