देशन्यूज़

PM Modi in Trinidad and Tobago :  क्या है सोहारी पत्ता, जिस पर पीएम मोदी ने किया भोजन? जानिए इसका सांस्कृतिक महत्व

नई दिल्ली।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के त्रिनिदाद और टोबैगो दौरे के दौरान एक खास परंपरा ने सभी का ध्यान खींचा। उन्होंने प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर द्वारा आयोजित रात्रिभोज में ‘सोहारी पत्ता’ पर भोजन किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, “प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर (Prime Minister Kamla Persad-Bissessar) द्वारा आयोजित रात्रिभोज में सोहारी पत्ते पर भोजन परोसा गया, जिसका त्रिनिदाद और टोबैगो के लोगों, खासकर भारतीय मूल के लोगों के लिए बहुत सांस्कृतिक महत्व है। यहां, त्यौहारों और अन्य विशेष कार्यक्रमों के दौरान अक्सर इस पत्ते पर भोजन परोसा जाता है।”

क्या है सोहारी पत्ता?

सोहारी पत्ता एक प्रकार का बड़ा और चौड़ा पत्ता होता है, जो मुख्यतः पेड़ों की एक विशेष प्रजाति से प्राप्त होता है। यह पत्ता पारंपरिक तौर पर भोजन परोसने के लिए उपयोग में लाया जाता है। भारत के कई क्षेत्रों में भी विशेष पर्वों, पूजा-पाठ, और विवाह जैसे अवसरों पर पत्तों पर भोजन परोसने की परंपरा रही है, और यही परंपरा कैरीबियाई देशों में बसे भारतीय समुदायों के साथ वहां भी पहुंची।

त्रिनिदाद और टोबैगो में इसका महत्व

त्रिनिदाद और टोबैगो में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग बसे हुए हैं, जो 19वीं सदी में गिरमिटिया मजदूरों के तौर पर भारत से गए थे। वे आज भी अपनी सांस्कृतिक परंपराओं को सहेजे हुए हैं। सोहारी पत्ता वहां न केवल पारंपरिक व्यंजन परोसने का माध्यम है, बल्कि अपनी जड़ों और संस्कृति से जुड़े रहने का प्रतीक भी है।

यह पत्ता खासकर दीवाली, होली, विवाह, या धार्मिक अनुष्ठानों में उपयोग होता है। इसे स्वच्छता और प्राकृतिकता का प्रतीक माना जाता है और भोजन को पत्ते पर परोसना सम्मान की दृष्टि से भी देखा जाता है।

पीएम मोदी का सांस्कृतिक सम्मान

प्रधानमंत्री मोदी का इस पारंपरिक पद्धति को अपनाना, भारतीय मूल के लोगों की संस्कृति और परंपराओं के प्रति सम्मान और अपनत्व को दर्शाता है। यह कदम प्रवासी भारतीय समुदाय के साथ भावनात्मक जुड़ाव को और गहरा करता है।

सोहारी पत्ता सिर्फ एक प्राकृतिक वस्तु नहीं, बल्कि सांस्कृतिक विरासत का जीवंत प्रतीक है। पीएम मोदी द्वारा इस पत्ते पर भोजन करना न केवल भारतीय मूल के लोगों को गौरवान्वित करने वाला क्षण है, बल्कि यह दर्शाता है कि दुनिया के किसी भी कोने में बसे भारतीय अपनी परंपराओं को जीवित रखे हुए हैं। भारत सरकार भी उन्हें उसी सम्मान से देखती है।

Related Articles

Back to top button