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स्वतंत्र देव सिंह का अखिलेश यादव पर तीखा हमला: “मानसिक संतुलन खो चुके हैं, झूठ और भ्रम से तलाश रहे राजनीतिक प्रासंगिकता”

गोरखपुर अब माफियाओं का नहीं, बल्कि विकास और सांस्कृतिक नवजागरण का प्रतीक बन चुका है।

 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री और कैबिनेट सदस्य श्री स्वतंत्र देव सिंह ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि अखिलेश अब मानसिक संतुलन खो चुके हैं और सत्ता से बाहर रहने की हताशा में झूठ और भ्रम फैलाकर राजनीति में प्रासंगिक बने रहने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं।

स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि गोरखपुर अब माफियाओं का नहीं, बल्कि विकास और सांस्कृतिक नवजागरण का प्रतीक बन चुका है। उन्होंने गोरखपुर विरासत कॉरिडोर को लेकर अखिलेश के आरोपों को दुर्भावनापूर्ण और तथ्यहीन करार दिया। उन्होंने कहा, “एम्स, फर्टिलाइज़र प्लांट, रामगढ़ताल पुनर्जीवन और लिंक एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाएं गोरखपुर को पूर्वांचल के नवजागरण का केंद्र बना रही हैं। विरासत कॉरिडोर सांस्कृतिक समृद्धि के साथ पर्यटन और रोजगार को भी नई ऊंचाई देगा।”

मंत्री ने कॉरिडोर निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण को पूरी तरह पारदर्शी बताया और कहा कि उच्च न्यायालय की निगरानी में बाजार दर पर मुआवजा दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा नेता किसानों को गुमराह कर राजनीतिक साजिश रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिनके कार्यकाल में “एक ट्रॉली तक मेट्रो नहीं चली”, वे आज गोरखपुर और झांसी मेट्रो परियोजनाओं की प्रगति पर सवाल उठा रहे हैं। योगी सरकार ने लखनऊ मेट्रो को समय पर पूरा किया, कानपुर मेट्रो शुरू की, और अब गोरखपुर-झांसी मेट्रो की डीपीआर पर तेज़ी से काम चल रहा है।

मंत्री ने समाजवादी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा, “समाजवाद का नारा है, खाली प्लॉट हमारा है। सपा शासन में भू-माफिया फले-फूले, जबकि योगी सरकार ने ₹68,000 करोड़ की अवैध जमीनें मुक्त कराकर इतिहास रच दिया है।” उन्होंने सपा शासन की कानून-व्यवस्था को लेकर कहा कि बदायूं गैंगरेप, बुलंदशहर हाईवे कांड जैसे मामलों में यूपी को जंगलराज के रूप में जाना जाता था। अब अपराधियों को सजा और पीड़ितों को न्याय मिल रहा है, जिसकी देशभर में सराहना हो रही है।

स्वतंत्र देव सिंह ने आरोप लगाया कि सपा ने ओबीसी और एससी-एसटी वर्ग के साथ पक्षपात किया और एक जाति विशेष को ही लाभ पहुंचाने का काम किया। ‘क्रीमी लेयर’ जैसे मुद्दों पर सपा की चुप्पी उनकी जातिवादी मानसिकता को दर्शाती है। उन्होंने कहा, “अखिलेश यादव तब तक चुनाव आयोग और न्यायपालिका की बात मानते हैं, जब तक फैसले उनके पक्ष में हों। हारते ही वे ईवीएम और साजिश जैसे आरोप लगाकर लोकतंत्र की साख पर सवाल खड़े करते हैं।”

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि अखिलेश यादव अब भ्रम, झूठ और बौखलाहट के सहारे राजनीति में बने रहने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश की जनता अब विकास, सुरक्षा और सुशासन को ही प्राथमिकता दे रही है। “अब जनता झूठ, जातिवाद और विफल विरासत को नहीं, बल्कि विकास को चुन रही है।” यह बयान आने वाले समय में भाजपा और सपा के बीच राजनीतिक टकराव को और तीखा बना सकता है।

 

 

 

 

 

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