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सीतामढ़ी में बनेगा मां जानकी का भव्य मंदिर, नीतीश कुमार ने मास्टर प्लान किया जारी — चुनाव से पहले बड़ा सांस्कृतिक कदम

धार्मिक नेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों और वास्तु विशेषज्ञों से मिलकर एक नवगठित ट्रस्ट बनाया गया

 

पटना/सीतामढ़ी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को एक ऐतिहासिक और बहुप्रतीक्षित घोषणा करते हुए पुष्टि की कि सीतामढ़ी जिले के पुनौराधाम में देवी सीता को समर्पित भव्य मंदिर के निर्माण के लिए मास्टर प्लान को अंतिम रूप दे दिया गया है। माना जाता है कि यही वह स्थल है जहां माता जानकी (सीता) का जन्म हुआ था। इस घोषणा को राज्य की सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करने और आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जनभावनाओं से जुड़ने का रणनीतिक प्रयास माना जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर प्रस्तावित मंदिर की डिज़ाइन साझा करते हुए कहा, “मुझे यह घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि सीतामढ़ी के पुनौराधाम में जगत जननी माता जानकी को समर्पित भव्य मंदिर के वास्तुशिल्प डिज़ाइन को अंतिम रूप दे दिया गया है। निर्माण प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए एक समर्पित ट्रस्ट का गठन भी कर दिया गया है।”

राज्य सरकार द्वारा जारी योजना के अनुसार, यह मंदिर पारंपरिक भारतीय मंदिर वास्तुकला की शैली में बनाया जाएगा। परियोजना में तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए कई आधुनिक सुविधाएं शामिल होंगी:

  • आरामदायक धर्मशाला और विश्राम स्थल
  • प्रार्थना कक्ष और सांस्कृतिक मंच
  • संग्रहालय, जो जानकी और मिथिला की संस्कृति को दर्शाएगा
  • विशाल पार्किंग क्षेत्र
  • भक्तों के लिए एक भव्य प्रवेश द्वार से लेकर ध्यानपूर्वक डिज़ाइन किया गया गर्भगृह

मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि धार्मिक नेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों और वास्तु विशेषज्ञों से मिलकर एक नवगठित ट्रस्ट बनाया गया है, जो इस परियोजना की गति, गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा। जल्द ही इसका बजट और निविदा प्रक्रिया सार्वजनिक की जाएगी।

पुनौराधाम को हिंदू परंपरा में मां जानकी की जन्मस्थली के रूप में विशेष स्थान प्राप्त है। अब बिहार सरकार इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने जा रही है। इस परियोजना से स्थानीय रोजगार, पर्यटन, और व्यापार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

सीतामढ़ी, खासकर पुनौराधाम क्षेत्र के लोगों में इस घोषणा के बाद उत्साह की लहर है। वर्षों से एक भव्य मंदिर की मांग कर रहे स्थानीय निवासियों ने इस कदम को आध्यात्मिक और आर्थिक बदलाव के रूप में देखा है।

 

इस मंदिर परियोजना की घोषणा ऐसे समय हुई है जब राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद अब माता सीता के नाम पर भव्य मंदिर निर्माण की घोषणा को भाजपा-जदयू गठबंधन की एक राजनीतिक रणनीति के रूप में भी देखा जा रहा है, जिससे हिंदू वोट बैंक को साधा जा सके।

 

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