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Tripura Assembly Election: जानें 2018 में कैसे रहे थे त्रिपुरा के नतीजे?

त्रिपुरा विधानसभा (Tripura Assembly) का कार्यकाल 22 मार्च को समाप्त हो रहा है। त्रिपुरा के लिए विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। त्रिपुरा में 16 फरवरी एक चरण में मतदान होगा। राज्य में 60 सदस्यीय विधानसभा है। त्रिपुरा में इस वक्त बीजेपी की सरकार है।

त्रिपुरा में 2018 में पहली बार बनी थी भाजपा की सरकार
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव 2018 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। बीजेपी ने यहां 25 साल से शासन कर रहे लेफ्ट को बेदखल किया था। बिप्लब देब राज्य के मुख्यमंत्री बने। फिर 2022 में भाजपा ने देब की जगह मानिक साहा को राज्य की कमान सौंपी। अब साह पर भाजपा को सत्ता में वापसी कराने की जिम्मेदारी होगी।

जिलेवार सीटों का आंकड़ा देखें तो पश्चिम त्रिपुरा में सबसे ज्यादा 14 विधानसभा सीटें हैं। इन सभी पर 2018 में भाजपा और गठबंधन की आईपीएफटी ने कब्जा कर लिया। यहां 14 में से 12 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी। जबकि दो पर आईपीएफटी के उम्मीदवारों की जीत हुई थी। सिपाहीजाला में सीपीएम का दबदबा रहा था। यहां की नौ में से पांच सीटों पर सीपीएम के उम्मीदवार चुनाव जीते थे। जबकि तीन पर भाजपा और एक पर आईपीएफटी की जीत हुई थी। गोमती की सात में से पांच और दक्षिण त्रिपुरा की सात में से तीन सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी। साथ ही धलाई में भी भाजपा हावी थी। यहां की छह में से पांच पर सीटों पर भाजपा और एक पर गठबंधन की आईपीएफटी को जीत मिली थी।

बता दें कि बीते कुछ महीनों से राज्य में सियासी उथल पुथल जारी है। भाजपा ने 2018 में जीत दिलाने वाले बिप्लब कुमार देब को हटाकर मानिक साहा को मुख्यमंत्री बना दिया। इस बात से कई नेता पार्टी से अलग भी हो गए। बीजेपी नेता हंगशा कुमार इस साल अगस्त में अपने छह हजार आदिवासी समर्थकों के साथ टिपरा मोथा में शामिल हो गए। आदिवासी अधिकार पार्टी भाजपा विरोधी राजनीतिक मोर्चा बनाने की भी कोशिश कर रही है। इसके साथ ही त्रिपुरा में कई नेताओं की पार्टी अदला-बदली जारी है। हमेशा एक-दूसरे की धुर विरोधी रही कांग्रेस और सीपीएम पार्टी ने इस बार हाथ मिला लिया है।

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