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मुजफ्फरपुर बलात्कार-हत्या कांड से बिहार स्तब्ध, सियासी हलचल तेज

जघन्य अपराध को लेकर विपक्ष ने नीतीश सरकार पर तीखा हमला बोला

 

मुजफ्फरपुर (बिहार)। जिले में 9 वर्षीय मासूम बच्ची के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना से प्रदेश भर में आक्रोश फैल गया है। यह दिल दहला देने वाली घटना 27 मई को हुई, जिसमें पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

एसएसपी सुशील कुमार ने बताया, “आरोपी पड़ोस के गांव का निवासी है और वह मछली बेचने का काम करता है। उसने बच्ची को बहला-फुसलाकर बलात्कार किया और फिर उसकी हत्या कर दी। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। एफएसएल की टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया है, सभी जरूरी नमूने एकत्र किए गए हैं। हम 15 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल करेंगे और मामले को स्पीडी ट्रायल में लाकर जल्द से जल्द सजा दिलाने की कोशिश करेंगे।”

इस जघन्य अपराध को लेकर विपक्ष ने नीतीश सरकार पर तीखा हमला बोला है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “बिहार की डबल इंजन सरकार पूरी तरह विफल हो चुकी है। कानून व्यवस्था का पूरी तरह से अपराधीकरण हो गया है। मुख्यमंत्री को शायद इन घटनाओं की जानकारी भी नहीं है। पूरे राज्य में प्रशासनिक अराजकता है और सरकार राजनीतिक कार्यक्रमों में व्यस्त है। पीड़िता और उसके परिवार से मिलने तक कोई नेता नहीं पहुंचा। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।”

राजद नेता अजय कुमार सिंह ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी, “पूरे बिहार की जनता सदमे में है। बच्चियों के साथ बलात्कार, गोलीबारी और चोरी की घटनाएं आम हो चुकी हैं। राज्य में कोई सुरक्षित नहीं है, और सरकार अब भी चुप है। मुख्यमंत्री और उनके मंत्री सिर्फ भाषण देते हैं, लेकिन जमीन पर कोई असर नहीं दिखता।”

इस पर जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने प्रतिक्रिया दी, “बिहार सरकार सामाजिक न्याय और अपराध के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के लिए जानी जाती है। इस मामले में भी न्याय मिलेगा और अपराधियों को सजा मिलेगी।”

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय सेना पर विपक्ष की टिप्पणियों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “दुश्मन की ओर से अगर कोई भी प्रहार होगा तो पूरा देश एकजुट होकर मुंहतोड़ जवाब देगा।”

मुजफ्फरपुर की घटना ने एक बार फिर राज्य में महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जबकि प्रशासन स्पीडी ट्रायल की बात कर रहा है, विपक्ष इसे सरकार की विफलता बता रहा है। अब देखना होगा कि इस मामले में पीड़िता को कितना और कितना जल्दी न्याय मिलता है।

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