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Crime in Bihar : पटना में उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या से मचा सियासी भूचाल, विपक्ष ने कानून-व्यवस्था पर उठाए सवाल

कांग्रेस ने मुख्यमंत्री से गृह विभाग छोड़ने की मांग की

 

पटना। राजधानी पटना में बीती रात प्रसिद्ध उद्योगपति गोपाल खेमका (Gopal Khemka) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस सनसनीखेज वारदात से जहां पूरे शहर में दहशत फैल गई है, वहीं बिहार की राजनीति में भी हलचल मच गई है। विपक्षी दलों ने नीतीश सरकार पर कानून-व्यवस्था की नाकामी को लेकर तीखा हमला बोला है।

कांग्रेस ने मुख्यमंत्री से गृह विभाग छोड़ने की मांग की

कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा, “छह साल पहले गोपाल खेमका (Gopal Khemka) के बेटे की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और अब खुद खेमका की हत्या हो गई। सरकार ने इतने वर्षों में उन्हें सुरक्षा क्यों नहीं दी? यह स्पष्ट रूप से बताता है कि बिहार में अब उद्योगपति भी सुरक्षित नहीं हैं। यह ‘गुंडाराज’ नहीं तो और क्या है?” उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से गृह विभाग छोड़ने की भी मांग की।

आरजेडी ने उठाया वीआईपी इलाके में हत्या का सवाल

राजद (RJD) प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा, “यह हत्या गांधी मैदान जैसे वीआईपी इलाके में हुई है, जहां हर वक्त पुलिस की कड़ी निगरानी रहती है। इसके बावजूद अपराधियों ने इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दे दिया। इससे साफ है कि अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और सरकार की पकड़ कमजोर पड़ गई है।” उन्होंने आगे कहा कि राज्य की जनता डर और असुरक्षा के माहौल में जी रही है।

सत्तापक्ष का पलटवार – SIT जांच की निगरानी में जुटी सरकार

भाजपा (BJP) प्रवक्ता अरविंद सिंह ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष इस संवेदनशील मामले पर राजनीति कर रहा है। सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”

वहीं जदयू (JDU) प्रवक्ता नीरज कुमार ने जानकारी दी, “मामले की जांच के लिए SIT का गठन कर दिया गया है और सेंट्रल एसपी इसकी निगरानी कर रहे हैं। हम विपक्ष से अपील करते हैं कि राजनीतिक बयानबाजी छोड़कर कार्रवाई को समर्थन दें।”

जनता में दहशत, प्रशासन पर सवाल

इस घटना ने राजधानी पटना समेत पूरे बिहार में सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर जहां व्यापारिक समुदाय में चिंता का माहौल है, वहीं आम जनता के बीच भी दहशत है। विपक्ष के तेवरों और सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया के बीच यह देखना होगा कि जांच कितनी पारदर्शिता और प्रभावशीलता के साथ आगे बढ़ती है।

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