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Bangladesh Crisis : आज का बड़ा सवाल , सियासी मात खाने वाली शेख हसीना जाएंगी 6 महीने के लिए जेल !

शेख हसीना पर आरोप था कि उन्होंने एक भाषण में न्यायपालिका की स्वतंत्रता और प्रतिष्ठा पर सवाल उठाते हुए ट्रिब्यूनल को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की

 

नई दिल्ली। बांग्लादेश (Bangladesh) की राजनीति में भूचाल लाने वाली खबर सामने आई है। देश की पूर्व प्रधानमंत्री और अवामी लीग की वरिष्ठ नेता शेख हसीना (Sheikh Hasina) को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT‑1) ने कोर्ट की अवमानना के मामले में 6 महीने की जेल और 4,000 टका जुर्माने की सजा सुनाई है। आज का सबसे बड़ा सवाल यही है — क्या बांग्लादेश की राजनीति से एक मजबूत चेहरा शेख हसीना (Sheikh Hasina) का युग खत्म हो रहा है? और क्या वह वाकई 6 महीने की जेल काटेंगी या एक बार फिर कानूनी और राजनीतिक समीकरण उनके पक्ष में काम करेंगे?

यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब शेख हसीना (Sheikh Hasina) पहले ही सत्ता से बाहर हैं और बांग्लादेश में हाल के महीनों में उन्हें जबरदस्त राजनीतिक झटका लगा है। उनके खिलाफ कई गंभीर आरोप पहले से ही जांच के घेरे में हैं, जिनमें मानवता के खिलाफ अपराध, धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, और लोकतंत्र विरोधी गतिविधियों शामिल हैं।

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) को इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल‑1 (ICT‑1) ने अदालत की अवमानना (Contempt of Court) के मामले में 6 महीने की जेल और जुर्माने की सजा सुनाई है। यह निर्णय ढाका ट्रीब्यून की रिपोर्ट में आया है और जस्टिस मोहम्मद गुलाम मुर्तुजा मोज़ुमदार की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने यह सजा दी

मामला क्या है?

शेख हसीना(Sheikh Hasina)  ने अज्ञात व्यक्ति शकील अकंद बुलबुल के मामले में एक ऑडियो लीक के दौरान कथितत: आपत्तिजनक भाषा का उपयोग किया था, जिसके चलते उन्हें कोर्ट की अवमानना का दोषी ठहराया गया. यह सजा उनके निर्वासन के लगभग एक वर्ष बाद आई है, जब वे बांग्लादेश से बाहर थीं ।

कानूनी और राजनीतिक संदर्भ

ICT‑1 एक विशेष अदालत है जो मानवता के खिलाफ अपराधों, यौन हिंसा और सत्ता दुरुपयोग के मामलों में सुनवाई करती है। अस्तित्व में 152 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें हत्या, मानवता के खिलाफ अपराध, अपहरण और अन्य गंभीर आरोप शामिल हैं ।

वर्तमान स्थिति और अगला कदम

शेख हसीना (Sheikh Hasina) फिलहाल भारत में निर्वासन में हैं, जहां से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत से प्रत्यर्पण की मांग की है. हालांकि, भारत वर्तमान में राजनीतिक रूप से प्रेरित आरोपों और द्विपक्षीय संबंधों को देखते हुए उन्हें प्रत्यर्पित करने के पक्ष में नहीं दिख रहा ।

6 महीने की जेल की सजा कोर्ट की अवमानना से संबंधित है, जबकि मुख्य मुकदमें मानवता के खिलाफ अपराधों की गंभीर प्रकृति वाले हैं। पूर्व पीएम शेख हसीना के खिलाफ केस उनके शासनकाल के दौरान की गई कथित हिंसा और सरकारी कार्रवाइयों से जुड़े हैं। भारत में उनके निर्वासन और प्रत्यर्पण की मांग राजनीतिक और कूटनीतिक दृष्टिकोण से संवेदनशील बनी हुई है।

 

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