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World Soil Day: जानें क्यों मनाया जाता है विश्व मृदा दिवस ?

विश्व में हर साल पांच दिसंबर को ‘विश्व मृदा दिवस’ (World Soil Day) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का कारण तेजी से बढ़ती जनसंख्या के चलते समस्याओं को उजागर करना है। इसी वजह से मिट्टी के कटाव को कम करने, उर्वरता बनाए रखने के लिए कदम उठाना बेहद जरूरी है, ताकि खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

मिट्टी जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भोजन (Food), कपड़े (Clothing), आश्रय (Shelter) और दवा (Medicine) समेत जीवन के चार प्रमुख साधनों का स्रोत (Source) है। इसी वजह से मिट्टी का संरक्षण जरूरी है। मिट्टी जीवन के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह एक पौधे के विकास का माध्यम, कई कीड़ों और अन्य जीवों का घर है। इन्हीं सब कारणों से मिट्टी के नुकसान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 5 दिसंबर को “विश्व मृदा दिवस” मनाया जाता है।

भारत में करीब 45 साल पहले मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के होशंगाबाद से 1977 में ‘मिट्टी बचाओ आंदोलन’ (Save Soil Movement) की शुरुआत हुई थी। यहां तवा बांध के कारण कृषि योग्य मिट्टी दलदल बनती जा रही थी। खेती से ही अपना जीवन चलाने वाले किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। तो होशंगाबाद के किसानों ने मिट्टी बचाओ आंदोलन की शुरुआत की। एक बार फिर इसी वर्ष 05 जून 2022 को पर्यावरण दिवस के मौके पर दिल्ली में ‘मिट्टी बचाओ आंदोलन’ नाम से एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने मिट्टी के बचाव पर कई अहम बातें भी कहीं थीं। उन्होंने पांच बातों के बारे में बताया था जिसपर भारत सरकार ध्यान दे रही हैं। वे इस प्रकार हैं…

* मिट्टी को केमिकल (Chemical) फ्री कैसे बनाएं ?
* मिट्टी में जो जीव रहते हैं, जिन्हें तकनीकी भाषा में मृदा कार्बनिक पदार्थ (Soil Organic Matter) कहते हैं। उन्हें कैसे बचाएं?
* मिट्टी की नमी (Soil Moisture) को कैसे बनाए रखें और उस तक जल की उपलब्धता कैसे बढ़ाएं ?
* वनों का दायरा कम होने से मिट्टी का जो लगातार विनाश हो रहा है, उसे कैसे रोकें ?
* भूजल (Ground Water) कम होने की वजह से मिट्टी को जो नुकसान हो रहा है, उसे कैसे दूर करें ?

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