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हिंदी ने क्या उखाड़ा यूपी-बिहार में? राज ठाकरे का बड़ा हमला

महाराष्ट्र में इन दिनों भाषा को लेकर बड़ा विवाद चल रहा है। इसी बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने हिंदी भाषी राज्यों को लेकर एक तीखा बयान दे डाला है।

मुंबई के वर्ली इलाके में एक संयुक्त रैली में बोलते हुए राज ठाकरे ने कहा  हम सब हिंदी भाषी राज्यों से आगे हैं, फिर हमें जबरदस्ती हिंदी क्यों सिखाई जा रही है? उनके साथ मंच पर शिवसेना (उद्धव गुट) के प्रमुख उद्धव ठाकरे भी मौजूद थे। ये रैली दोनों ठाकरे नेताओं की 20 साल की राजनीतिक दूरी के बाद एक साथ देखी गई है।

राज ठाकरे का यह बयान उस सरकारी आदेश के बाद आया है, जिसमें महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा बनाने की बात कही गई थी। हालांकि विरोध के बाद यह आदेश सरकार ने वापस ले लिया। राज ठाकरे ने सवाल उठाया अगर हिंदी इतनी जरूरी है, तो फिर उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान में तीसरी भाषा कौन सी होगी? उन्होंने कहा कि हिंदी भाषी राज्य आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं। वहां से लोग दूसरे राज्यों में रोजगार की तलाश में आ रहे हैं। अगर हिंदी इतनी ही उपयोगी है, तो इन राज्यों का विकास क्यों नहीं हुआ?हालांकि उन्होंने ये भी साफ किया कि उनका हिंदी से कोई विरोध नहीं है। उन्होंने कहा…हिंदी बुरी भाषा नहीं है, लेकिन किसी पर भाषा थोपना सही नहीं। मराठों ने जब देश में राज किया, तो कभी किसी पर मराठी नहीं थोपी।राज ठाकरे ने ये भी दावा किया कि अगर समय रहते लोग आवाज नहीं उठाते, तो सरकार मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की योजना तक ले जा सकती थी। वहीं, उद्धव ठाकरे ने भी मंच से कहा…महाराष्ट्र में हिंदी को कभी जबरदस्ती नहीं थोपा जाएगा। लेकिन मामला सिर्फ स्कूलों में भाषा पढ़ाने तक ही नहीं है। महाराष्ट्र में पिछले कुछ समय से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जहां लोगों को सिर्फ इसलिए पीटा गया क्योंकि उन्होंने मराठी में बात नहीं की। हाल ही में ठाणे में एक दुकानदार को मराठी में बात करने से इनकार करने पर पीट दिया गया। इन घटनाओं की सरकार ने भी निंदा की है। इस पर राज ठाकरे ने कहा कि हर बात पर हिंसा करने की जरूरत नहीं है, लेकिन अगर कोई बदमाशी करता है, तो जवाब भी मिलना चाहिए।

तो अब सवाल यह है… क्या महाराष्ट्र में भाषा को लेकर राजनीति और बढ़ेगी? और क्या यह मुद्दा आने वाले चुनावों में अहम भूमिका निभाएगा? ऐसी ही और बड़ी खबरों के लिए हमारे साथ बने रहिए।

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