जगुआर विमान के लिए एंटी-जैमिंग सिस्टम के आपूर्ति-अनुबंध सौदे पर गंभीर सवाल, जांच में जुटे रक्षा अधिकारी

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के साथ एक संवेदनशील रक्षा सौदे को लेकर आकिला टेक्नोलॉजीज एंड इंटीग्रेशन सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड पर गंभीर आरोप लगे हैं। जगुआर विमान के लिए एंटी-जैमिंग सिस्टम की आपूर्ति से संबंधित इस उच्च-मूल्य अनुबंध को हासिल करने में प्रक्रियागत अनियमितताओं, नैतिक उल्लंघनों और संभावित राष्ट्रीय सुरक्षा खतरों की आशंका जताई गई है।
रिपोर्टों के अनुसार, एकिला टेक्नोलॉजीज का नियंत्रण एयर कमोडोर अजय राठौर (सेवानिवृत्त), जिन्होंने समय से पहले सेवानिवृत्ति ली थी, उनकी पत्नी सोनाली राठौर, और सुमंत कपूर के कुछ जाने-माने प्रतिनिधियों, राजत कपूर, सुधीर वर्मा (मुख्य कार्यकारी अधिकारी), ब्रिगेडियर विश्व मोहन कुमार (सेवानिवृत्त), उपाध्यक्ष, तथा ग्रुप कैप्टन जी.डी. श्रीवास्तव (सेवानिवृत्त) जीजीएम टेक्नोलॉजी के हाथों में है।
आरोप है कि अनुबंध से पहले किए गए सिस्टम परीक्षणों में बेलारूस की एनटीएलएबी कंपनी से सीधे उपकरण लाकर भारत में बिना उचित बिल ऑफ एंट्री दाखिल किए उपयोग किए गए। इन उपकरणों को एयर कमोडोर राठौड़ ने व्यक्तिगत रूप से हाथों में लेकर दिल्ली एयरपोर्ट पर कस्टम से छुड़वाया, जहां कथित तौर पर उन्होंने खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों की मदद से विशेष प्रोटोकॉल के जरिए क्लीयरेंस दिलवाई।
रिपोर्टों के अनुसार, उपकरणों में प्रयुक्त कई इलेक्ट्रॉनिक चिप्स वास्तव में चीन में बनी थीं, जिन्हें बेलारूसी बताया गया। इसके लिए फर्जी सर्टिफिकेट ऑफ ओरिजिन का उपयोग किया गया। यह झूठा प्रतिनिधित्व भारतीय रक्षा मानकों और राष्ट्रीय सुरक्षा दिशानिर्देशों का गंभीर उल्लंघन माना जा रहा है।
कंपनी के संबंध चर्चित हथियार दलाल सुमंत कपूर से भी जोड़े जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, सेवा में रहते हुए राठौड़ कई बार अमेरिका गए, जिनमें अपाचे हेलीकॉप्टर निरीक्षण और फ्लाइट रिफ्यूलिंग डील में कपूर के साथ यात्राएं भी शामिल थीं। आरोप है कि राठौड़ ने वहां लॉबिंग में भी भूमिका निभाई थी।
बताया जा रहा है कि आकि़ला टेक्नोलॉजीज ने सेवा-रत और सेवानिवृत्त वायुसेना अधिकारियों से व्यक्तिगत संबंधों का लाभ उठाकर मानक खरीद प्रक्रियाओं को दरकिनार कर अनुबंध प्राप्त किया। 31 अक्टूबर 2018 को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद, राठौड़ ने 11 नवंबर को दुबई में सुमंत कपूर के साथ आसुस प्रोजेक्ट मैनेजमेंट नामक कंपनी की स्थापना की। दस्तावेज़ और अमीरात आईडी यह पुष्टि करते हैं कि राठौड़ ने सेवानिवृत्ति की निर्धारित कूलिंग ऑफ अवधि की अवहेलना करते हुए यह पद संभाला।
इन सभी खुलासों के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। रक्षा मंत्रालय और वायुसेना मुख्यालय से जुड़े अधिकारी अब अनुबंध, परीक्षण प्रक्रिया, आयात दस्तावेज़ और विदेशी कनेक्शनों की गहन जांच में जुट गए हैं।