
दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव के दौरान सिविक सेंटर अखाड़े में बदल गया, जहां पर पिटाई, हाथापाई, धक्का मुक्की और हंगामा सब कुछ देखने को मिला। जिसके बाद से चुनाव को वहीँ बीच में ही टालना पड़ा था। पिछले साल हुए दिल्ली नगर निगम के चुनाव के आम आदमी पार्टी की जीत हुई थी और उसके बाद से मेयर का चुना जाना बाकी था। हालांकि, 22 फरवरी को मेयर के रूप में शैली ओबेरॉय को चुन लिया गया लेकिन एमसीडी की स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव अभी भी होना बाकी है।
बीते 24 फरवरी को स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ। बीजेपी और आप आमने-सामने थे। वोटों की गिनती होनी थी लेकिन फिर बवाल हो गया। इस दौरान दोनों पार्टियों के पार्षदों के बीच जमकर हाथापाई हुई। बताया जा रहा है की यहां महिला पार्षदों को भी पीटा गया और मेयर को भी धक्का दिया गया। वहीं, इस चुनाव को दो दिनों के लिए टाल दिया गया और 27 फरवरी को चुनाव दोबारा होगा।
एमसीडी में हुई मारपीट और हाथापाई की शिकायत आम आदमी पार्टी और बीजेपी दोनों दलों ने पुलिस थाने में जाकर की है। हालांकि अभी तक दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। वहीं दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने पुलिस कमिश्नर से मिलने के लिए समय की मांगा की है तो वहीं बीजेपी कोर्ट का रुख कर सकती है।
इस पूरी घटना के दौरान बीजेपी पार्षद मीनाक्षी शर्मा के हाथ में कटने का निशान देखा गया। तो वहीं, आम आदमी पार्टी के पार्षद की तबियत बिगड़ गई। जिसके बाद उन्हें मेयर की सीट पर लिटा दिया गया था। सदन में हंगामें का ये तीसरा दिन था। इस मामले पर दोनों पार्टियों की तरफ से जमकर बयानबाजी भी हो रही है। मीनाक्षी शर्मा का कहना है कि आम आदमी पार्टी के किसी सदस्य ने उन्हें नुकीली चीज से मारा और गर्दन को भी छुआ। दिल्ली मेयर पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने एक भी सदन नहीं चलने दिया। पता नहीं वह दिल्ली की मेयर हैं या आप की। वह केजरीवाल के आदेश पर काम करती हैं।
दरअसल जिस स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव के लिए दोनों दल मारपीट और हाथापाई पर उतारू हैं, वो कितना अहम है ये समझना जरूरी हो जाता है। दरअसल स्टैंडिंग कमेटी में कुल 6 सदस्यो को चुना जाता है। स्टैंडिंग कमेटी को डिसीजन मेकिंग कमेटी भी कहा जा सकता है। किसी भी योजना को अंतिम रूप देने में इस कमेटी का सक्रिय योगदान होता है। सरल शब्दों में बताये तो दिल्ली एमसीडी जो भी काम करती है, उसमें सीधी भागीदारी स्टैंडिंग कमेटी की ही होती है। बीजेपी और आम आदमी पार्टी के लिए ये चुनाव की लड़ाई अहम है क्योंकि जिसे भी इस कमेटी में बहुमत मिलेगा, वो आसानी से अपनी सभी योजनाओं को जमीन पर उतार सकेगा । अब देखना ये है की 27 फरवरी को भी चुनाव शांति पूर्ण ढंग से सफल होगा या नहीं ?