
नई दिल्ली/चंडीगढ़/गांधीनगर। पंजाब के लुधियाना पश्चिम और गुजरात के विसावदर विधानसभा उपचुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की शानदार जीत के बाद पार्टी नेताओं में उत्साह का माहौल है। पंजाब सरकार के मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने दोनों राज्यों में मिली जीत को पार्टी की मेहनत और लोगों के भरोसे का परिणाम बताया।
हरपाल चीमा का बयान: “AAP लड़ रही है नशे के खिलाफ जंग”
मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मैं हमारे राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दोनों राज्यों के समर्पित कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने पूरी मेहनत के साथ यह चुनाव लड़ा और दोनों सीटों पर जीत हासिल की।”
इसके साथ ही उन्होंने शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के आवास पर सतर्कता विभाग की छापेमारी को लेकर भी बड़ा बयान दिया। चीमा ने कहा, “पंजाब में नशे के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। जब अकाली दल, भाजपा और कांग्रेस सत्ता में थे, उन्होंने पंजाब को नशे में डुबो दिया। आम आदमी पार्टी इस समस्या के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रही है। जो भी व्यक्ति नशे के कारोबार में शामिल है, उस पर कार्रवाई होगी।”
संजीव अरोड़ा: “जनता के भरोसे पर खरा उतरूंगा”
लुधियाना पश्चिम से उपचुनाव जीतने वाले AAP उम्मीदवार संजीव अरोड़ा ने कहा, “पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, मैं उसे पूरी ईमानदारी से निभाऊंगा। लोगों ने मुझे अपार प्यार और समर्थन दिया है, मैं उनका आभारी हूं। राज्यसभा को लेकर निर्णय पार्टी नेतृत्व करेगा, और जो फैसला होगा, वह मुझे स्वीकार होगा।”
गोपाल राय का दावा: “गुजरात बदलाव का संदेश दे रहा है”
AAP नेता गोपाल राय ने दो राज्यों में मिली जीत को जनता की जागरूकता का प्रतीक बताते हुए कहा, “पंजाब में संजीव अरोड़ा की पिछली बार से भी बड़ी जीत और गुजरात में गोपाल इटालिया की भाजपा की पूरी मशीनरी के बावजूद भारी मतों से जीत, इस बात का संकेत है कि लोग बदलाव चाहते हैं। गुजरात में आम आदमी पार्टी की सरकार जिस दिशा में काम कर रही है, लोगों को भरोसा है और वे बदलाव का समर्थन कर रहे हैं।”
उन्होंने भाजपा के ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाने पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा, “गुजरात में ही गांधी जी ने आजादी की लड़ाई शुरू की थी, लेकिन आज वहां के लोग दहशत में जी रहे हैं। विसावदर की जीत, जनता की नई आजादी की शुरुआत है।”
दोनों राज्यों में उपचुनाव में मिली जीत से आम आदमी पार्टी को राजनीतिक ऊर्जा मिली है। पार्टी नेतृत्व इसे न सिर्फ अपने कार्यों की स्वीकृति मान रहा है, बल्कि देश में राजनीतिक बदलाव की आहट भी समझ रहा है। अब नजर AAP की आगे की रणनीति और आगामी विधानसभा चुनावों पर होगी।