पटरी पर लौटेंगे भारत-कनाडा संबंध! जी-7 समिट में पीएम मोदी-मार्क कार्नी की मुलाकात के बाद उच्चायुक्तों की बहाली पर सहमति
दोनों नेताओं की बातचीत द्विपक्षीय संबंधों को फिर से मजबूती देने की दिशा में एक मजबूत संकेत है।

नई दिल्ली/कनाडा। भारत और कनाडा के बीच लंबे समय से तनावपूर्ण चल रहे संबंध अब सामान्य होने की दिशा में बढ़ते नजर आ रहे हैं। खालिस्तान मुद्दे को लेकर दो वर्षों से गहराए तनाव के बाद अब दोनों देशों ने एक बड़ा कदम उठाते हुए एक-दूसरे की राजधानियों में उच्चायुक्तों की बहाली का फैसला किया है। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के नव-निर्वाचित प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के बीच जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई द्विपक्षीय बैठक में लिया गया।
प्रधानमंत्री मोदी इस समय कनाडा के कनैनिस्किस शहर में जी-7 समिट के आउटरीच सेशन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच यह पहली आधिकारिक मुलाकात हुई। यह यात्रा भी विशेष मानी जा रही है क्योंकि बीते एक दशक में मोदी की यह पहली कनाडा यात्रा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर इस मुलाकात को “वैश्विक प्रगति और सहयोग के लिए सेतु का निर्माण” बताया। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं की बातचीत द्विपक्षीय संबंधों को फिर से मजबूती देने की दिशा में एक मजबूत संकेत है।
उच्चायुक्तों की बहाली का ऐलान
प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक के बाद कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा:
“मुझे लगता है कि आज की बैठक एक महत्वपूर्ण शुरुआत थी। यह विचारों का स्पष्ट और खुला आदान-प्रदान था — कानून प्रवर्तन और अंतरराष्ट्रीय अपराध दमन जैसे मुद्दों पर। हमने आपसी सम्मान, संप्रभुता और विश्वास के आधार पर रिश्तों को दोबारा खड़ा करने की दिशा में पहला जरूरी कदम उठाया है। हम जल्द ही एक-दूसरे के देशों में उच्चायुक्तों की बहाली करेंगे।”
खालिस्तान मुद्दे से उपजा था विवाद
भारत-कनाडा के बीच रिश्तों में खटास तब आई जब ट्रूडो सरकार के तहत खालिस्तानी गतिविधियों और भारत-विरोधी तत्वों को कथित समर्थन को लेकर भारत ने कड़ा रुख अपनाया था। इससे दोनों देशों के राजनयिक स्तर पर संबंध लगभग ठप हो गए थे और उच्चायुक्तों को वापस बुला लिया गया था।
नई शुरुआत की उम्मीद
इस बैठक और फैसले के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार, शिक्षा, सुरक्षा और रणनीतिक सहयोग जैसे मुद्दों पर भी आगे सकारात्मक चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी जी-7 सम्मेलन में वैश्विक नेताओं से मुलाकात के दौरान ग्लोबल साउथ के मुद्दों को उठाने और विकासशील देशों की प्राथमिकताओं को सामने रखने की बात कही है।
भारत और कनाडा के संबंधों में यह नया मोड़ एक अहम कूटनीतिक सफलता के तौर पर देखा जा रहा है, जिससे भविष्य में द्विपक्षीय सहयोग को नई गति मिल सकती है।