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जयपुर में तीज महोत्सव-2025 का हुआ रंगारंग आगाज़ : शाही शोभायात्रा में बिखरा राजस्थानी लोक संस्कृति का रंग

जयपुर। महिलाओं के रंग-बिरंगे पर्व तीज के उपलक्ष्य में राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय तीज महोत्सव-2025 का भव्य शुभारंभ रविवार को हुआ। पहले दिन तीज माता की पारंपरिक शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं, स्थानीय नागरिक, देश-विदेश से आए पर्यटक और जनप्रतिनिधि शामिल हुए। यह महोत्सव न केवल राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का प्रयास है, बल्कि पर्यटन को प्रोत्साहित करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

छोटी चौपड़ पर बने भव्य मंच से राज्यपाल हरिभाऊ बागडे, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, उप मुख्यमंत्री व पर्यटन, कला एवं संस्कृति मंत्री दिया कुमारी, उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, सहित कई गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में तीज माता की महाआरती की गई। यह पहली बार था जब उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने स्वयं मंच से तीज माता की आरती की।

तीज माता की शोभायात्रा ने सिटी पैलेस स्थित जनानी ड्योढ़ी से प्रारंभ होकर त्रिपोलिया गेट, छोटी चौपड़, चौगान स्टेडियम होते हुए तालकटोरा पौंड्रीक पार्क तक नगर भ्रमण किया। इस यात्रा में घोड़े-बग्घियां, हाथी, ऊंट, बैल, बैंड, राजस्थानी झांकियां, और शहनाई-नगाड़ों से सजी एक राजसी झलक देखने को मिली।

शोभायात्रा में करीब 200 लोक कलाकारों ने राजस्थान की विविध सांस्कृतिक विधाओं का प्रदर्शन किया। बनवारीलाल जाट की कच्छी घोड़ी, शेखावाटी का गैर नृत्य, बहुरूपिया कलाकारों के नारद-कृष्ण-शंकर रूप, कालबेलिया नृत्यांगनाएं, चरी नृत्य, हेला ख्याल, और राजू भाट के कठपुतली नर्तन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

नागौर से आए तेजपाल नागौरी के दल ने बांक्या वादन और कच्छी घोड़ी से समां बांधा। शाही हाथियों की सवारी, लाल कपड़े में सजे बैल, ऊंटों की कतार और मोर नृत्य जैसे दृश्य राजस्थान की वीरता और परंपरा की झलक दिखा रहे थे। जैसे ही तीज माता की सवारी लाल बग्घी में त्रिपोलिया गेट से निकली, पूरे वातावरण में जयकारों की गूंज फैल गई।

इस महोत्सव की विशेष बात रही महिलाओं की झांकी, जिसमें उन्होंने लहरिया साड़ियों में सजकर माथे पर कलश रखकर पारंपरिक नृत्य किया। यह दृश्य न केवल आकर्षक था, बल्कि उसने राजस्थान की सांस्कृतिक गहराई को सजीव कर दिया। इस दौरान महिला पंडितों द्वारा तीज माता की पूजा की गई, जो महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बना।

तीज महोत्सव-2025 ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि राजस्थान की परंपरा, रंग और लोक कला देश-दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र है। इस आयोजन ने नारी शक्ति, सांस्कृतिक विविधता और सामाजिक समरसता का भव्य मंच प्रस्तुत किया।

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