UN: पाकिस्तान के UN में कश्मीर का मुद्दा उठाने पर विदेश मंत्री जयशंकर ने दिया करारा जवाब

भारत (India) के विदेश मंत्री एस जयशंकर (Foreign Minister S Jaishankar) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) में पाकिस्तान (Pakistan) को जमकर डांट लगाई। दरअसल, बैठक में पाकिस्तान की तरफ से एक बार फिर कश्मीर मुद्दे (Kashmir Issue) को उठाया गया। जिस पर जयशंकर ने पलटवार करते हुए कहा, कि जो देश अलकायदा के सरगना ओसामा बिन-लादेन का मेजबान हो सकता है। अपने पड़ोसी देश की संसद पर हमला करवा सकता है, उसे यूएन में ‘उपदेशक’ बनने की कोई आवश्यकता नहीं है।
UN में जयशंकर के पांच अहम बयान (Five important statements of Jaishankar in UN)
1. जयशंकर ने 2001 में हुए संसद हमले (Parliament Attack) को लेकर कहा, “आज से 18 साल पहले 13 दिसंबर को दिल्ली में पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद ने संसद परिसर पर हमला किया था। यहां पर आतंकियों ने खुलेआम फायरिंग की थी। जिसमें नौ लोगों की मौत हुई थी।”
2. चीन (China) पर निशाना साधते हुए जयशंकर ने कहा, कि “जहां पूरी दुनिया साथ मिलकर आतंकवाद की चुनौतियों का मजबूती से मुकाबला कर रही है। वहीं दूसरी तरफ आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने वालों और उनकी साजिश रचने वालों को बचाने व उन्हें उचित ठहराने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों (International Forums) का दुरुपयोग हो रहा है।” यह बात विदेश मंत्री ने चीन के लिए कही। जिसने भारत और अमेरिका के संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी ठहराने के प्रस्तावों को बार-बार रोका है।
3. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव की मांग को उठाते हुए कहा, कि इस वैश्विक निकाय में सुधार समय की मांग है। मुझे यकीन है कि दक्षिण एशिया (South Asia) के देश भी भारत की इस प्रतिबद्धता के साथ होंगे। हम सबको पता हैं कि पिछले कुछ दशकों से ‘समान प्रतिनिधित्व का प्रश्न और सुरक्षा परिषद की सदस्यता में वृद्धि’ संयुक्त राष्ट्र महासभा के एजेंडे में रहा है। जबकि अब सुधारों पर बहस लक्ष्यहीन हो गई है, तो वास्तविक दुनिया में नाटकीय बदलाव आया है।
4. जयशंकर ने कहा, कि ऐसे समय में जब दुनिया हिंसा (Violence), सशस्त्र संघर्ष (Armed Conflict) और मानवीय आपात स्थितियों (Humanitarian Emergencies) से जूझ रही है, तो शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने और उनका मार्गदर्शन करने के लिए महात्मा गांधी के आदर्श प्रासंगिक बने हुए हैं। जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (Antonio Guterres) के साथ संयुक्त राष्ट्र के उत्तरी लॉन में महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद टिप्पणी करते हुए कहा, महात्मा गांधी की यह मूर्ति भारत ने उपहार में दी है। जिसे प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार ने बनाई है।
5. यूक्रेन युद्ध (Ukraine War) का हवाला देते हुए विदेश मंत्री ने कहा, कि निर्णय लेने वाले बड़े-बड़े मंचों पर भोजन, उर्वरक और ईंधन संरक्षण पर हाल की चिंताओं को पूरी तरह से व्यक्त नहीं किया गया। इसी वजह से दुनिया के अधिकांश लोगों को यह लगा, कि उनके हितों का महत्व नहीं है। अब हम ऐसा दोबारा नहीं होने देंगे।