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जब ये हाल ‘महाराजा’ की सड़क का है, तो आम जनता का क्या होगा? ग्वालियर में सिंधिया महल के पास धंसी करोड़ों की लागत से बनी सड़क

सिंधिया महल के पास करोड़ों की लागत से बनी सड़क 10 दिन में 7 बार धंसी, भ्रष्टाचार पर उठे सवाल

ग्वालियर(मध्य प्रदेश)। मामला ग्वालियर का है। वहां के महाराजा परिवार है सिंधिया। वर्तमान में सिंधिया राजपरिवार से ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्र सरकार में केंद्रीय मंत्री भी हैं। ग्वालियर में उनके महल के बराबर का सड़क धंस गया। वह सड़क जिसे करोड़ों रुपये लगाकर तैयार किया गया।

मध्य प्रदेश की स्मार्ट सिटी ग्वालियर एक बार फिर खस्ताहाल सड़कों को लेकर सुर्खियों में है। ताजा मामला सिंधिया राजपरिवार के महल के पास की सड़क का है, जो हाल ही में करोड़ों रुपये खर्च कर बनाई गई थी, लेकिन पहली ही बारिश में धंस गई।

जगह है सिंधिया महल से सटी सड़क, और नाम है ज्योतिरादित्य सिंधिया, जो वर्तमान में केंद्र सरकार में केंद्रीय मंत्री भी हैं। लेकिन जब ‘महाराजा’ की गली की सड़क ही धंस जाए, तो सवाल उठता है – आम लोगों की गलियों का क्या हाल होगा?

स्थानीय लोग तंज कसते हुए कह रहे हैं – “जब ये हाल महाराजा की सड़क का है, तो आम आदमी की सड़क की हालत का अंदाजा खुद ही लगाइए!”

इस सड़क पर हाल ही में करोड़ों रुपये खर्च किए गए थे। लेकिन सड़क इतनी घटिया बनी कि चंद बारिशों में ही जगह-जगह धंसने लगी। अब हालात यह हैं कि सड़क पर गड्ढे नहीं, बल्कि सुरंग जैसे गड्ढे बन गए हैं।

ग्वालियर (मध्य प्रदेश) | एक ओर जहां ग्वालियर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की बात की जा रही है, वहीं दूसरी ओर शहर की बदहाल सड़कों ने प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के महल से महज 500 मीटर की दूरी पर बनी सड़क की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि बीते 10 दिनों में यह 5 से 7 बार धंस चुकी है।

हैरानी की बात यह है कि यह सड़क महज एक महीने पहले ही करोड़ों रुपये की लागत से बनाई गई थी, लेकिन कुछ ही बारिशों में इसकी परतें उधड़ गईं और सड़क जगह-जगह से गड्ढों में तब्दील हो गई। कुछ इलाकों में तो ऐसा प्रतीत होता है मानो सड़क के नीचे सुरंग खोद दी गई हो।

क्या है मामला?

यह सड़क ग्वालियर के पॉश इलाके में सिंधिया महल के पास स्थित है।

प्रशासन ने इसे स्मार्ट सिटी योजना के तहत नई तकनीक और मजबूत निर्माण के दावे के साथ तैयार करवाया था।

मगर मानसून की पहली ही बारिश में सड़क की सच्चाई सामने आ गई।

स्थानीय लोगों का आरोप

स्थानीय नागरिकों और रहवासियों का कहना है कि यह सड़क खराब गुणवत्ता वाले निर्माण सामग्री और भ्रष्टाचार का नतीजा है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि निर्माण एजेंसी पर कार्रवाई हो और सड़क की तत्काल मरम्मत की जाए।

सवालों के घेरे में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट

इस घटना के बाद ग्वालियर का स्मार्ट सिटी टैग भी सवालों के घेरे में आ गया है। जब राजधानी के नजदीक और वीआईपी इलाकों की सड़कों की यह हालत है, तो आम जनता के क्षेत्रों का हाल क्या होगा — यह सवाल हर ग्वालियरवासी के मन में है।

प्रशासन की चुप्पी

इस पूरी घटना पर अब तक न तो नगर निगम की ओर से कोई संतोषजनक जवाब आया है और न ही ठेकेदार पर कोई सख्त कार्रवाई की गई है। अधिकारियों की चुप्पी भी इस मामले में कुशासन और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है।

सिंधिया महल के पास करोड़ों की लागत से बनी सड़क की यह दुर्दशा सिर्फ एक सड़क का मामला नहीं, बल्कि यह सिस्टम की गहराई में बैठे भ्रष्टाचार की कहानी बयां करती है। अगर समय रहते जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो ग्वालियरवासियों का स्मार्ट सिटी पर से विश्वास उठना तय है।

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