
कई लोग अपने दिन की शुरुआत गर्मा-गर्म कॉफी पीकर करते हैं। कुछ लोगों को तो कॉफी इतनी पसंद होती है कि वो दिनभर में 5-6 कप कॉफी आराम से पी जाते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि ऐसा करना आपकी सेहत को कितना नुकसान पहुंचा सकता है।
दरअसल, ज्यादातर लोग नींद भगाने के लिए या प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने के लिए कॉफी पीते हैं। और इसका पूरा श्रेय इसमें मौजूद कैफीन को जाता है।आपको बता दें कि कैफीन अगर कम मात्रा में पिया जाए, तो कोई चिंता की बात नहीं है, लेकिन अगर आप दिनभर में दो या तीन कप से ज्यादा कॉफी पीते हैं, तो ये खतरनाक साबित हो सकता है। आइए जानें कैसे ज्यादा कॉफी पीना आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।
धड़कनें तेज होना
कैफीन शरीर के पैरासिम्पेथेटिक सिस्टम को डिस्टर्ब करता है। यानी शरीर में कैफीन की मात्रा ज्यादा होने के कारण बॉडी रिलैक्स नहीं कर पाती और एडरनलिन लेवल बढ़ने लगता है। इसके कारण दिल की धड़कने तेज हो सकती हैं। इसे एट्रियल फिब्रिलेशन कहा जाता है। इसकी वजह से दिल से जुड़ी परेशानियां शुरू हो सकती हैं। इसलिए आप कितनी कॉफी पी रहे हैं, इस बात का ध्यान रखें।
नींद न आना
खुद को फ्रेश रखने और नींद भगाने के लिए लोग कॉफी पीते हैं। इसके इसी गुण के कारण लोग इसे इतना पसंद भी करते हैं, लेकिन आपको बता दें कि अगर आपने इसे ज्यादा मात्रा में पी लिया है, तो इससे आपकी रात की नींद भी उड़ सकती है। कैफीन का असर शरीर में 7-8 घंटे तक रहता है। इसलिए ज्यादा कॉफी पीने से रात को सुकून भरी नींद लेना दूभर हो सकता है।
एंग्जायटी
जैसा कि आप जान चुके हैं कि कैफीन शरीर में एडरनलिन हार्मोन के लेवल को बढ़ाता है। इसे फाइट या फ्लाइट हार्मोन भी कहा जाता है। इसकी वजह से ही आप कॉफी या कोई दूसरी कैफीनेटेड ड्रिंक पीने के बाद ज्यादा एलर्ट रहते हैं। हालांकि, अगर शरीर में कैफीन की मात्रा ज्यादा हो जाती है, तो एंग्जायटी की समस्या भी हो सकती है
खराब पाचन
कैफीन वैसे तो मल त्यागने में मदद करता है, लेकिन इसकी मात्रा ज्यादा होने की वजह से ये आपके पाचन को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके कारण डायरिया, एसिड रिफ्लक्स और हार्ट बर्न की समस्या हो सकती है। इसलिए ज्यादा कैफीन पीना आपके पाचन को बिगाड़ सकता है
ब्लड प्रेशर बढ़ना
कैफीन शरीर में एडरनलिन का लेवल बढ़ाता है। आपको बता दें कि एडरनलिन एक प्रकार का हार्मोन है, जो शरीर में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है, लेकिन इसकी मात्रा ज्यादा होने पर आर्टरीज सिकुड़ने लगती हैं। इसकी वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ता है। इसके कारण ब्लड क्लॉट बनने या आर्टरीज फटने का खतरा भी रहता है।