
हर साल हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद शुक्ल पक्ष में आने वाली तिथि पर किया जाता है हिन्दू धर्म में हरतालिका तीज का एक विशेष महत्व माना गया है। हरतालिका व्रत सुहागिन महिलाओं से लेकर कुंवारी कन्याओं के द्वारा भी रखा जाता है। जहां सुहागिन महिलाएं इस व्रत को वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए करती हैं। वही अविवाहित कन्याओं द्वारा यह व्रत मनचाहे और सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए रखा जाता है
हरतालिका तीज का व्रत निर्जल रखने का विधान है। यह व्रत मुख्य रूप से भगवन शिव और माता पार्वती के निमित्त किया जाता है। हरतालिका तीज की पूजा में इन मंत्रो का जाप कर भगवन शिव और माता पार्वती की कृपा के पात्र बने रह सकते है। हरतालिका तीज का व्रत इस साल 6 सितम्बर 2024 को मान्य होगा। चलिए पड़ते है हरतालिका तीज का मंत्र।
भगवान शिव के मंत्र (Shiv Mantra)
* ओम नम: शिवाय
* ओम महेश्वराय नमः
* ओम पशुपतये नमः
* ऊँ शं शंकराय भवोद्भवाय शं ऊँ नमः
* नमामिशमीशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद स्वरूपं
* ऊँ शं विश्वरूपाय अनादि अनामय शं ऊँ
* ऊँ क्लीं क्लीं क्लीं वृषभारूढ़ाय वामांगे गौरी कृताय क्लीं क्लीं क्लीं ऊँ नमः शिवाय
* ऊँ शं शं शिवाय शं शं कुरु कुरु ऊँ
पार्वती जी के मंत्र
* ओम पार्वत्यै नमः
* ओम उमाये नमः
* या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।
* नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
* मां पार्वती को सिंदूर चढ़ाने का मंत्र – सिंदूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्। शुभदं कामदं चैव सिंदूरं प्रतिगृह्यताम्।।
* मनचाहे वर के लिए मंत्र – गण गौरी शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया। मां कुरु कल्याणी कांत कांता सुदुर्लभाम्।।