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Bihar: भागलपुर में मां ने दिया अनोखे बच्चे को जन्म, बच्चे के हैं चार पैर, चार हाथ और दो सिर

भागलपुर (Bhagalpur) कजरैली के मोहद्दीपुर निवासी संतोष कुमार की पत्नी अंजना देवी ने एक निजी अस्पताल में अनोखे बच्चे को जन्म दिया है। जिसमें दो बच्चे के सीने पेट और मुंह एक साथ सटे हुए हैं। कहने को तो दो बच्चे हैं, लेकिन एक ही बच्चे के चार पैर, चार हाथ और दो सिर है। इस अनोखे बच्चे को देखने के लिए दूर-दूर से लोग अस्पताल आ रहे हैं। यह खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैलती जा रही है। बच्चे को देखने के लिए अस्पताल में लोगों की भीड़ उमड़ रही है। कोई इस बच्चे को प्रकृति का चमत्कार बता रहे हैं, तो कोई इसे भगवान का अवतार बता रहे हैं। इस बच्चे के फोटो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है। जिसके चलते भागलपुर के साथ-साथ अन्य जिलों के लोग भी बच्चे को देखने के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं।

कजरेली थाना क्षेत्र के घोसी टोला स्थित एक निजी अस्पताल में कजरैली के मोहद्दीपुर निवासी संतोष कुमार की पत्नी अंजना देवी ने जिस नवजात बच्ची को जन्म दिया है। उसके चार पैर (Legs), चार हाथ (Hands) और दो सिर (Head) हैं। उसके पेट सीना पूर्णरूपेण सटे हुए हैं। गौरतलब है, कि बच्ची का जन्म 28 सप्ताह में हुआ।

स्त्री रोग विशेषज्ञ डा.अन्वेशा ने बताया, कि इस अनोखे बच्चे की माँ का इलाज उन्ही की निगरानी में चल रहा था। गुरुवार को मातृ शक्ति को पीड़ा हुई, जिसके बाद इलाज के दौरान इस माँ ने अनोखे बच्चे को जन्म दिया। आगे डॉक्टर अन्वेशा ने बताया, कि दोनों बच्ची का सीना और पेट एक दूसरे से सटा हुआ है। जन्म के बाद नवजात बच्चा सुरक्षित है। माता पिता सभी खुश है। अनोखी बच्ची आम बच्चों की तरह जन्म लेते ही रोई भी है। डॉक्टर का कहना है कि अगर इसका इलाज ढंग से कराया जाए और इस अनोखे बच्चे का उचित जगह पर ऑपरेशन कराए जाए। तो यह एक बच्चा दो बच्चे में विभक्त होकर जीवित रह सकते है।

ऐसे बच्चों के लिए स्कैनिंग टू की है जरूरत
चिकित्सकों की मानें तो ऐसे बच्चे के लिए level-2 स्कैनिंग होता है। यहां पर लोग यह नहीं करवा पाते है। जो प्रेगनेंसी के लिए फर्स्ट अल्ट्रासाउंड होता है उसको तो कर लेते हैं लेकिन जो level-2 स्कैनिंग होता है। उसमें इस तरह के बच्चों का समय से पहले पता किया जा सकता है। इस तरह के बच्चों को हम लोग उसमें रोल आउट कर देते हैं। यह छोटा शहरी एरिया है। लोग जागरूक नहीं है। हम लोग एडवाइजरी तो करते हैं, लेकिन लोग इसको फॉलो नहीं करते है। आगे से हम लोग और कोशिश करेंगे, कि level-2 स्कैनिंग भी हो। ताकि इस तरह के बच्चे न आ पाए और समय से पहले लोगों को पता लग जाए।

कुनाल शेखर की रिपोर्ट, Bhagalpur, Bihar

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