
NEET- UG 2024 के पेपर लीक को लेकर देशभर में काफी विवाद चल रहा है। पक्ष-विपक्ष इस मामले को लेकर एक दूसरे पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। विवादों से घिरी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी 2024 से संबंधित 30 से अधिक याचिकाओं पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी.वाई.चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ सुनवाई की है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘एक बात तो साफ है कि प्रश्न-पत्र लीक हुआ है।
पेपर लीक होना एक स्वीकार्य सच्चाई है। पेपर लीकका मामला कुछ ऐसा है, जिसका हम पता लगा रहे हैं। सवाल यह है कि इसकी पहुंच कितनी व्यापक है? आप केवल इसलिए पूरी परीक्षा रद्द नहीं कर सकते, क्योंकि दो छात्र धांधली में शामिल थे। इसलिए हमें लीक की प्रकृति के बारे में सावधान रहना चाहिए। दोबारा परीक्षा का आदेश देने से पहले हमें लीक की सीमा के बारे में ज़रूर जानना होगा। क्योंकि हम 23 लाख छात्रों के मामले को सुन रहे हैं।’ सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और एनटीए से पुछा की NEET-UG 2024 पेपर लीक के बारे में जानने के लिए क्या कार्रवाई की?’ इस पेपर लीक के चलते किन-किन छात्रों को फायदा पहुंचा?
पेपर लीक होना के कारण कितने छात्रों के रिजल्ट रुके ?
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि लीक होने के कारण कितने छात्रों के रिजल्ट रोके गए है। कोर्ट ने पूछा कि ये छात्र कहां हैं? पेपर लीक से संबंधित छात्र कहां-कहां हैं? क्या हम अभी भी गलत काम करने वालों का पता लगा रहे हैं और क्या हम लाभार्थियों की पहचान कर भी पाएं हैं? सुप्रीम कोर्ट ने साथ में यह भी कहा कि परीक्षा को दोबारा से कराना सबसे आखिरी विकल्प होना चाहिए। पेपर लीक मामले में जो कुछ भी हुआ, उसकी जांच देश भर के विशेषज्ञों की एक बहु-अनुशासनात्मक समिति से कराई जानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि हम पढ़ाई-लिखाई की सबसे प्रतिष्ठित शाखा से निपट रहे हैं। हर मध्यम वर्ग का व्यक्ति चाहता है कि उसके बच्चे डोक्टर या तो इंजीनियरिंग बने। यह मानते हुए कि हम परीक्षा रद्द नहीं करने जा रहे हैं। हम ऐसे लोगों की पहचान कैसे करेंगे, जिन्हें इस धांधली का फायदा हुआ है। क्या हम काउंसलिंग होने देंगे और अब तक क्या हुआ है?
साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, केंद्र सरकार और सीबीआई से 10 जुलाई शाम पांच बजे तक एफिडेविट दाखिल करने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर अब अगली बार 11 जुलाई 2024 को सुनवाई करेगी और सुप्रीम कोर्ट ने साथ में यह भी कहा कि, ‘अगर हम दोषियों की पहचान करने में सक्षम नहीं रहे तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा.’