
हैदराबाद/नई दिल्ली। सरकारी कर्मचारियों की कार्यक्षमता को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से “मिशन कर्मयोगी” के तहत एक महत्वपूर्ण पहल की गई, जब मिशन की प्रतिनिधि टीम ने तेलंगाना के राज्यपाल श्री जिष्णु देव वर्मा और राज्य सरकार के मुख्य सचिव श्री के. रामकृष्ण राव से मुलाकात की।
मिशन कर्मयोगी टीम में क्षमता निर्माण आयोग और कर्मयोगी भारत के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। टीम का नेतृत्व डॉ. अलका मित्तल (सदस्य, क्षमता निर्माण आयोग) और नवनीत कौर (निदेशक) ने किया। उन्होंने राज्यपाल को तेलंगाना में मिशन के चल रहे कार्यान्वयन और इसके प्रभावों से अवगत कराया।
राज्यपाल श्री वर्मा ने मिशन की सराहना करते हुए इसे राज्य में सुशासन की दिशा में एक परिवर्तनकारी पहल बताया और हर संभव समर्थन का आश्वासन दिया।
मुख्य सचिव के साथ रणनीतिक बैठक
इससे पहले मिशन की टीम ने मुख्य सचिव श्री के. रामकृष्ण राव और विभिन्न विभागों के प्रमुखों के साथ एक विस्तृत बैठक की।
इस दौरान मिशन कर्मयोगी के तहत डिजिटल लर्निंग, योग्यता-आधारित प्रशिक्षण और नागरिक-केंद्रित सेवा के दृष्टिकोण को साझा किया गया।
विशेष ध्यान iGOTKarmayogi प्लेटफॉर्म पर रहा, जो कि “कभी भी, कहीं भी सीखने” की सुविधा देता है। अधिकारियों ने अपनी विभागीय प्रशिक्षण आवश्यकताओं और चुनौतियों पर खुलकर विचार साझा किए।
बैठक का एक अहम निर्णय iGOT प्लेटफॉर्म पर विभिन्न विभागों के सरकारी कर्मचारियों को शामिल करना रहा, जो कि तेलंगाना में कर्मचारी प्रशिक्षण की दिशा में बड़ी पहल मानी जा रही है।
सराहना और सहयोग की भावना
क्षमता निर्माण आयोग ने तेलंगाना के राज्यपाल, मुख्य सचिव और प्रशासन द्वारा दिए गए सहयोग की ईमानदारी से प्रशंसा की।
यह पहल “मिशन कर्मयोगी” के तहत निरंतर सीखने, क्षमता विकास और बेहतर शासन की दिशा में एक संयुक्त प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
मिशन कर्मयोगी भारत सरकार की एक ऐतिहासिक पहल है, जिसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप दक्ष बनाना है, ताकि वे नागरिकों की सेवा बेहतर ढंग से कर सकें।