
नवरात्रि की अष्टमी का खास महत्व माना जाता है क्योंकि कई श्रद्धालु अपने नवरात्रि व्रत का पारण इसी तिथि पर करते हैं। इस दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की अराधना की जाती है। जिन्हें भगवान शिव की अर्धांगिनी के रूप में पूजा जाता है। इसके अलावा ये दिन कन्या पूजन और हवन पूजन के लिए भी शुभ माना जाता है। इस साल नवरात्रि की अष्टमी 5 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी। यहां आप जानेंगे अष्टमी पूजा मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में जानकारी।
अष्टमी पर कन्या पूजन का महत्व
नवरात्रि की अष्टमी पर कन्या पूजन का विशेष महत्व माना जाता है। जो लोग नवरात्रि की अष्टमी पर अपना व्रत खोलते हैं वो इस दिन माता रानी की पूजा के बाद हवन पूजन करते हैं। फिर इसके बाद कन्या पूजन करते हैं। कहते हैं कन्या पूजन के बिना नवरात्रि व्रत पूरा नहीं माना जाता। इसलिए नवरात्रि में कन्या पूजन जरूर करना चाहिए।
नवरात्री अष्टमी पूजन विधि
नवरात्रि व्रत की अष्टमी तिथि को सुबह स्नान के बाद सफेद रंग के वस्त्र धारण करें।
उसके बाद मां महागौरी की उपासना करें।
इस दिन माता को सफेद रंग के फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है।
माता के समक्ष घी का दीपक जलाएं।
उसके बाद माता रानी को कुमकुम का तिलक लगाएं और उन्हें पंचमेवा अर्पित करें।
अंत में मााता महागौरी की कथा का पाठ करें और उनकी आरती करें।
इस दिन कई श्रद्धालु हवन पूजन और कन्या पूजन भी करते हैं।
पूजा के बाद प्रसाद सभी में बांट दें।